UPI पर छोटे लोन की सुविधा जल्द शुरू, ग्राहकों को बैंक जाने की झंझट से मिलेगी छुटकारा
India News Live,Digital Desk : छोटे लोन लेने वालों को जल्द ही राहत मिलने वाली है, क्योंकि लंबे समय के बाद UPI पर क्रेडिट लाइन की सुविधा शुरू होने जा रही है। बैंक UPI ऐप्स के ज़रिए ग्राहकों को सीधे छोटे लोन देने की योजना बना रहे हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस सुविधा के लिए दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं। अगर यह योजना वाकई शुरू हो जाती है, तो ग्राहकों को छोटे लोन के लिए बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
यह कैसे लाभकारी होगा?
एक फिनटेक संस्थापक के अनुसार, बैंक नए ग्राहकों (जिनके पास बैंक खाता नहीं है) तक पहुँचने के लिए यूपीआई पर छोटी क्रेडिट लाइनें प्रदान करेंगे। इसके लिए फ़ोनपे, पेटीएम, भारतपे और नवी जैसे ऐप्स का इस्तेमाल किया जाएगा। आईसीआईसीआई जैसे बड़े बैंक और कर्नाटक बैंक जैसे छोटे बैंक भी इस उत्पाद को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं।
आरबीआई से हरी झंडी
बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से इस नए उत्पाद को लेकर कई सवाल पूछे थे, जैसे ब्याज-मुक्त अवधि, बकाया राशि की रिपोर्टिंग और क्रेडिट ब्यूरो को जानकारी भेजने का तरीका। अब जबकि आरबीआई ने इन मुद्दों पर स्पष्ट दिशानिर्देश दे दिए हैं, तो शुरुआती स्तर पर इसका परीक्षण शुरू हो गया है।
एनपीसीआई की भूमिका
यूपीआई प्लेटफॉर्म चलाने वाली एनपीसीआई ने सितंबर 2023 में ही प्री-सेक्शन क्रेडिट लाइन सुविधा शुरू कर दी थी। लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते ज़्यादातर बैंक इसे लॉन्च नहीं कर पाए। अब हालात बदल रहे हैं और बैंकों ने इसे अपनाना शुरू कर दिया है। 10 जुलाई को एनपीसीआई ने बैंकों को एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि इस तरह से दिए जाने वाले किसी भी लोन का इस्तेमाल उसी उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए जिसके लिए उसे मंज़ूरी दी गई है।
किस प्रकार के ऋण उपलब्ध होंगे?
स्वर्ण ऋण
सावधि जमा पर ऋण
उपभोक्ता ऋण
व्यक्तिगत ऋण आदि।
यानी ग्राहक का क्रेडिट अकाउंट सीधे यूपीआई ऐप से जुड़ जाएगा और वहीं से छोटे लोन लिए जा सकेंगे।
यह एक बड़ा कदम क्यों है?
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि क्रेडिट यूपीआई का अगला बड़ा चरण साबित होगा। वर्तमान में यूपीआई के लगभग 30 करोड़ उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से 15.2 करोड़ सक्रिय उपयोगकर्ता हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से यूपीआई की वृद्धि धीमी पड़ रही है। ऐसे में क्रेडिट लाइन इसे नई गति दे सकती है। बैंकों को बैकएंड इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने वाली फिनटेक कंपनी ज़ेटा का अनुमान है कि 2030 तक यूपीआई पर 1 ट्रिलियन डॉलर मूल्य के लेनदेन किए जा सकेंगे।
लेकिन जोखिम भी मौजूद हैं।
एक निजी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यदि ऋण का क्रियान्वयन सावधानी से नहीं किया गया तो चूक बढ़ सकती है और छोटे ऋणों की वसूली एक बड़ी चुनौती बन जाएगी।