Red Fort blast : जांच में सामने आई जैश की नई फिदायीन साजिश
India News Live,Digital Desk : दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच धीरे-धीरे कई अहम खुलासे कर रही है। जांच एजेंसियों को मिले संकेत बताते हैं कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े लोग शामिल हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह संगठन भारत के खिलाफ एक और आत्मघाती हमला करने की तैयारी कर रहा है और इसके लिए डिजिटल माध्यमों से चंदा इकट्ठा किया जा रहा है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए फंड जुटाने का खुलासा
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि जैश के नेताओं ने ऑनलाइन माध्यमों पर धन इकट्ठा करने की अपील की थी। इस काम में “सदापे” नाम के एक पाकिस्तानी ऐप का इस्तेमाल भी किया गया। जांच यह भी संकेत देती है कि संगठन महिलाओं की अगुवाई में हमले की साजिश रचने में जुटा हुआ था।
महिला विंग की भूमिका पर भी शक
जैश-ए-मोहम्मद के पास पहले से ही एक महिला विंग है, जिसका नेतृत्व मसूद अजहर की बहन सादिया करती है। यह यूनिट पहलगाम हमले और उसके बाद भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद बनाई गई थी, जब पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश के कई ठिकानों को ध्वस्त किया गया था। अब जांच एजेंसियों को संदेह है कि इसी महिला विंग की मदद से एक नया बड़ा हमला तैयार किया जा रहा था।
लाल किला विस्फोट मामले में डॉ. शाहिना सईद का नाम भी मुख्य संदिग्धों में शामिल है। उनका कोडनेम ‘मैडम सर्जन’ बताया गया है और माना जा रहा है कि हमले के लिए धन जुटाने में उनकी भूमिका हो सकती है। वह कथित तौर पर ‘जमात-उल-मुमिनात’ नाम की उसी इकाई का हिस्सा हैं।
सर्दियों के कपड़ों के नाम पर चंदा
जैश के नेताओं ने अपने संदेशों में कथित तौर पर कहा था कि जो भी किसी ‘मुजाहिद’ के लिए सर्दियों के कपड़े देगा, उसे भी ‘जिहादी’ माना जाएगा। इतना ही नहीं, यदि कोई मारे गए लड़ाकों के परिवारों का ख्याल रखेगा, तो उसे भी इस श्रेणी में रखा जाएगा। इस तरह भावनात्मक अपील करके फंड जुटाने की कोशिश की गई।
डिजिटल फंडिंग चैनल की अलग जांच
माना जा रहा है कि दान के रूप में 20,000 पाकिस्तानी रुपये (करीब 6,400 भारतीय रुपये) मांगे जा रहे थे, जिन्हें जूते, ऊनी कपड़े, मोजे, गद्दा, तंबू जैसी चीजें खरीदने में खर्च किया जाना था—यानी वे सामान जो किसी आतंकी को ऑपरेशन के दौरान जरूरत पड़ सकती है। अब इस पूरे डिजिटल नेटवर्क की जांच एक अलग टीम कर रही है।
जम्मू-कश्मीर पर जैश-लश्कर की नई योजना
जांच एजेंसियों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद फिर से बढ़ने लगा है। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे बड़े संगठन समन्वित हमलों की नई श्रृंखला पर काम कर रहे हैं। दोनों ही संगठन लंबे समय से पाकिस्तानी सेना और वहां की डीप स्टेट से समर्थन पाते रहे हैं।