हिमाचल का सैलाब मंडी में तीन पीढ़ियां बह गईं, सैकड़ों रास्ते ठप

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India News Live,Digital Desk : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार रात जो हुआ, उसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। जोरदार बारिश और बादल फटने से ऐसी तबाही आई कि कई जिंदगियां हमेशा के लिए बदल गईं। नदियों और नालों में आया उफान लोगों की आंखों के सामने उनके घर, खेत और अपने सब कुछ बहा ले गया।

गोहर उपमंडल की स्यांज पंचायत में ज्यूणी खड्ड के रौद्र रूप ने एक ही झटके में एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों को निगल लिया। जिस घर में कभी परदादी पोते को कहानियां सुनाया करती थीं, अब वहां सिर्फ मलबा और सन्नाटा है। पक्के मकान तक इस कदर जमींदोज हो गए कि उनकी नींव का भी पता नहीं चल रहा।

झाबे राम का मजबूत मकान भी पानी के सामने टिक नहीं पाया, जबकि उसके पड़ोसी पदम देव का कच्चा मकान पहले ही खतरे में था। जान बचाने के लिए दोनों परिवार छतों पर चढ़े, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि सब कुछ बह गया। आज उन घरों का कोई नामोनिशान नहीं बचा।

रातभर कहर की बारिश

धर्मपुर, करसोग, गोहर और थुनाग जैसे इलाकों में रातभर भारी बारिश ने तबाही मचाई। कई मकान धराशायी हो गए, खेत बर्बाद हो गए और मवेशी बह गए। गोहर के बाड़ा गांव में दादी-पोते की दुखद मौत हो गई, वहीं स्थानीय लोगों ने चार लोगों की जान भी बचाई।

राज्य भर में हालात गंभीर

बारिश के बाद राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, प्रदेश भर में 406 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें से 248 सिर्फ मंडी में हैं। बिजली आपूर्ति भी बाधित है—994 ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं।

24 घर, 12 पशु शेड, एक पुल और कई सड़कें बर्बाद हो चुकी हैं। 30 मवेशियों की जान चली गई है और कई इलाकों में फंसे लोगों को बचाने के लिए राहत टीमें लगातार प्रयासरत हैं। मंडी के अलावा हमीरपुर, चंबा जैसे जिलों में भी बचाव कार्य जारी है।

नुकसान का आंकड़ा 500 करोड़ के पार

मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि भारी बारिश और बादल फटने के कारण कई स्थानों पर भीषण नुकसान हुआ है और राहत-बचाव कार्य लगातार जारी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी दी कि 20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन के बाद से अब तक राज्य को लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।