Bulldozers run in Chaat Gali of Sadar Bazaar : तय समय के बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण, दिनभर हंगामा

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India News Live,Digital Desk : सदर बाजार की मशहूर चाट गली में मंगलवार को बड़ा अभियान चला। छावनी परिषद द्वारा दिए गए समय के बावजूद दुकानदारों ने अतिक्रमण नहीं हटाया, जिसके बाद सुबह करीब साढ़े 10 बजे टीम बुलडोज़र के साथ मौके पर पहुंची। नाली और सड़क पर बने कब्जों को हटाया गया, जबकि पक्के निर्माणों को तोड़ने के लिए बुलडोज़र चलाया गया।

जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, दुकानदारों ने विरोध करना शुरू कर दिया। कई तो बुलडोज़र के आगे जाकर खड़े हो गए। बाद में विधायक डॉ. जीएस धर्मेश भी मौके पर आए, लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई नहीं रुकी। छावनी परिषद की टीम पूरे दिन अतिक्रमण हटाती रही। करीब 35 फीट चौड़ी गली में मौजूद 30 दुकानों के आगे से कब्जे पूरी तरह साफ कर दिए गए।

कैसे बढ़ा मामला?

सदर बाजार की चाट गली रोज़ाना सैकड़ों लोगों की भीड़ से भरी रहती है। गली के दोनों तरफ नाली पर दुकानदारों ने लंबे समय से कब्जा कर रखा था। करीब एक माह पहले इसकी शिकायत छावनी परिषद तक पहुंची थी। दो हफ्ते पहले परिषद की टीम ने भी तीन घंटे तक कार्रवाई की, लेकिन दुकानदारों ने खुद अतिक्रमण हटाने का वादा किया, जिसके बाद कार्रवाई रोक दी गई। उन्हें एक सप्ताह का समय दिया गया था।

समय सीमा 17 नवंबर को खत्म हो गई। लेकिन दुकानदारों ने वादा पूरा नहीं किया। इसके बाद मंगलवार सुबह टीम दोबारा पहुंची और एक्शन शुरू कर दिया। कार्रवाई के दौरान सेना पुलिस भी मौजूद रही, इसलिए कोई विरोध ज्यादा देर नहीं टिक सका। शाम तक लगभग दो दर्जन दुकानों के सामने से अतिक्रमण पूरी तरह हटाया जा चुका था।

छावनी परिषद के कार्यालय अधीक्षक कुलविंदर सिंह ने बताया कि चाट गली में अतिक्रमण को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं, इसलिए कार्रवाई जरूरी थी।

अभी भी कई जगह अतिक्रमण बाकी

परिषद का कहना है कि चाट गली के अलावा क्षेत्र की कई मुख्य सड़कों पर भी कब्जे फैले हुए हैं। हर दिन दो-तीन शिकायतें कार्यालय में पहुंच रही हैं। आने वाले दिनों में अन्य इलाकों में भी ऐसे अभियान चलाए जा सकते हैं।

लोगों की राय

पंकज कौशिक, दुकानदार:
“मेरी मोबाइल की दुकान सड़क किनारे है। सड़क कई महीनों से टूटी थी, धूल उड़ती थी। अब सड़क साफ होगी तो सहूलियत बढ़ेगी।”

बाबी, दुकानदार:
“बारिश में तो हालत और खराब हो जाती थी। नाली ढकी होने के कारण पानी रुकता था। सड़क की मरम्मत और सफाई बहुत जरूरी थी।”