Tigaon's Firni in limbo : सड़क शुरू होने का वादा, इंतजार में फंसे लोग

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India News Live,Digital Desk : बल्लभगढ़–तिगांव–मंझावली को जोड़ने वाली कनेक्टिविटी में तिगांव की करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी फिरनी सबसे बड़ी रुकावट बनी हुई है। 3 अक्टूबर को इस फिरनी के निर्माण की शुरुआत के लिए प्रदेश के राज्य मंत्री राजेश नागर ने प्रतीक रूप में नारियल भी फोड़ा था। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कुछ ही दिनों में काम शुरू होने का भरोसा दिलाया था, लेकिन डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी निर्माण का पहला चरण तक शुरू नहीं हो सका है।

इस देरी का असर प्रतिदिन 30 हजार से ज्यादा वाहन चालकों पर पड़ रहा है। यह रास्ता आसपास के दर्जनभर गांवों को सीधे जोड़ता है। इस फिरनी को सीमेंटेड बनाकर चौड़ा किया जाना है और इसके लिए लगभग पांच करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। साथ ही सड़क के किनारे पानी निकासी के लिए नाली का निर्माण भी योजना में शामिल है।

याद रहे कि बल्लभगढ़ से तिगांव के सरकारी स्कूल तक की सड़क पहले ही 16 करोड़ रुपये खर्च कर चौड़ी की जा चुकी है। मंत्री राजेश नागर की सिफारिश पर मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी और परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने अपने कोटे से इसका बजट जारी किया था।

मंझावली पुल शुरू होने के बाद बढ़ेगा दबाव

यमुना नदी पर मंझावली पुल का निर्माण पूरा हो चुका है। हरियाणा की ओर अप्रोच रोड भी बन गई है। अब सिर्फ उत्तर प्रदेश की ओर सड़क बनना बाकी है। जैसे ही यह हिस्सा तैयार होगा, ग्रेटर नोएडा तक सीधे आवागमन शुरू हो जाएगा।

ऐसे में तिगांव की मुख्य सड़क पर वाहनों का दबाव काफी बढ़ जाएगा। यदि फिरनी को समय रहते चौड़ा नहीं किया गया तो यहां रोजाना जाम की स्थिति बन सकती है। अभी भी अगर किसी गांव में शादी-ब्याह होता है तो सड़क पर लंबी लाइन लग जाती है। पुल शुरू होने के बाद भारी वाहनों की आवाजाही भी यहीं से होगी, जिससे समस्या और बढ़ेगी।

ग्रेप लागू होने से काम रुका

लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रकाश लाल का कहना है कि निर्माण कार्य समय पर शुरू हो सकता था, लेकिन ग्रेप लागू होने की वजह से देरी हुई। हालांकि नाली निर्माण का काम अब शुरू किया जाएगा।
राज्य मंत्री राजेश नागर ने भी कहा कि वे अधिकारियों से बात करेंगे ताकि सड़क निर्माण जल्द आगे बढ़ सके।

स्थानीय लोगों की राय

पंकज कौशिक, दुकानदार
“मेरी दुकान सड़क किनारे है। सड़क महीनों से टूटी पड़ी है। वाहनों के चलते ही धूल उड़ने लगती है। इसे जल्द ठीक होना चाहिए।”

बाबी, दुकानदार
“बारिश के मौसम में यहां की हालत और बिगड़ जाती है। टूटी सड़क से निकलना मुश्किल हो जाता है। अधिकारी इस ओर ध्यान दें।”