अल फलाह यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर निकला आतंकी, सात महीने से जुटा था साजिश में
India News Live,Digital Desk : अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाला डॉ. मुजम्मिल पिछले करीब सात महीनों से गुपचुप तरीके से विस्फोटक सामग्री इकट्ठा कर रहा था। उसने इस काम के लिए दो जगहों को ठिकाना बनाया था — एक फतेहपुर तगा में और दूसरा धौज में। जानकारी के मुताबिक, उसने फतेहपुर तगा में सात महीने पहले ही मस्जिद के इमाम इश्तियाक का मकान किराए पर लिया था ताकि अपनी गतिविधियों को छिपाकर रख सके।
हर दिन वह अपनी लाल रंग की अपाचे बाइक पर प्लास्टिक के कट्टों में थोड़ा-थोड़ा विस्फोटक लाता और वहीं जमा करता था। जांच एजेंसियों को शक है कि उसे यूपी और जम्मू-कश्मीर से कोई व्यक्ति विस्फोटक सामग्री सप्लाई करता था।
आतंकी साजिश से पहले ही पकड़ा गया मुजम्मिल
जांच में सामने आया है कि यूनिवर्सिटी परिसर में ही डॉ. मुजम्मिल को रहने के लिए एक फ्लैट मिला हुआ था, लेकिन उसने आतंकी गतिविधियों के लिए अलग और “सुरक्षित” ठिकाने तलाशे। वह और ज्यादा विस्फोटक जमा करने की तैयारी में था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उसे धर दबोचा।
डीवीआर से खुलेंगे कई राज
क्राइम ब्रांच की टीम ने उस कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर कब्जे में ली है, जहां मुजम्मिल किराए पर रह रहा था। माना जा रहा है कि इन्हीं फुटेज से यह पता चलेगा कि वह कितनी बार वहां आया और कितना विस्फोटक लाया।
सूत्रों के अनुसार, मुजम्मिल का मकसद एनसीआर क्षेत्र में विस्फोटक सप्लाई करना और सिलसिलेवार धमाके करना था।
यूपी और जम्मू-कश्मीर से आती थी डिलीवरी
जांच एजेंसियों को यह भी संदेह है कि विस्फोटक की डिलीवरी यूपी और जम्मू-कश्मीर से होती थी। धौज में लिए गए उसके कमरे से भी कुछ संदिग्ध सामग्री मिली है। पुलिस अब दोनों गांवों — फतेहपुर तगा और धौज — में लगातार तलाशी अभियान चला रही है।
ग्रामीण बोले – चुपचाप आता-जाता था
फतेहपुर गांव की डेढ़ दशक पुरानी कॉलोनी के लोगों ने बताया कि डॉ. मुजम्मिल बहुत कम दिखाई देता था। स्थानीय निवासी जावेद ने कहा कि उसने मुजम्मिल को सिर्फ दो-तीन बार ही आते-जाते देखा। वह अपनी लाल बाइक गली के बाहर खड़ी करता और प्लास्टिक के कट्टे लेकर अंदर जाता था। कट्टों पर खाद्य बीज के लेबल छपे होते थे, इसलिए किसी को शक नहीं हुआ।
डॉ. शाहीन के साथ आता था किराए के कमरे में
सूत्रों ने बताया कि धौज वाले कमरे में कई बार डॉ. मुजम्मिल के साथ डॉ. शाहीन को भी देखा गया था। दोनों वहां कुछ समय बिताते और फिर यूनिवर्सिटी लौट जाते थे।
अब पुलिस को शक है कि उन्होंने आसपास के किसी अन्य मकान में भी विस्फोटक छिपा रखा हो सकता है। ग्रामीणों को जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया है।
पुलिस अलर्ट पर, जांच जारी
फिलहाल दोनों गांवों में संदिग्ध घरों की तलाशी ली जा चुकी है। अब तक कुछ बड़ा हाथ नहीं लगा है, लेकिन पुलिस पूरी तरह चौकन्नी है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।