MP's organizational skills shine in Bihar elections : मोहन यादव की कैंपेनिंग वाली 21 सीटों पर NDA की जीत
India News Live,Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं ने एक बार फिर अपना मजबूत संगठन कौशल दिखाया है। पार्टी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद, प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह सहित कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को बिहार भेजा था। इन सभी ने सभाओं, रोड शो और बूथ प्रबंधन के ज़रिए चुनाव अभियान को मजबूती दी।
मोहन यादव के प्रचार का दम — 21 सीटों पर जीत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैंपेनिंग वाली 21 सीटों पर भाजपा (एनडीए) ने जीत हासिल की। पार्टी ने उन्हें बिहार चुनाव से पहले ही सक्रिय कर दिया था। उन्होंने न केवल राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, बल्कि सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से भी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया। स्टार प्रचारक बनाए गए यादव ने लगभग आधे बिहार में 28 सभाएं और रोड शो किए। इन क्षेत्रों में से 21 सीटें भाजपा के खाते में गईं।
विष्णु दत्त शर्मा का भी बड़ा योगदान
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को 19 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लगभग एक महीने तक वे बिहार में रहकर बूथ प्रबंधन और संगठनात्मक काम संभालते रहे। नतीजों में इसका असर साफ दिखाई दिया — 19 में से 17 सीटों पर एनडीए को जीत मिली।
तिरहुत और मिथिला में शानदार प्रदर्शन
संगठन महामंत्री हितानंद और प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह को तिरहुत और मिथिला क्षेत्र की कुल 58 सीटों की कमान दी गई थी। दोनों नेता करीब डेढ़ महीने तक बिहार में रहकर टीमों के साथ बूथ स्तर पर काम करते रहे। इसका परिणाम यह रहा कि
- तिरहुत की 28 में से 26 सीटें
- मिथिला की 30 में से 24 सीटें
एनडीए के खाते में गईं।
मोहन यादव ने जीत पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजद को नुकसान पहुँचाने का काम किया है। बिहार में मिले नतीजे स्पष्ट संकेत देते हैं कि हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली की तरह यहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकासवादी राजनीति को जनता का समर्थन मिला है। उनके अनुसार, कांग्रेस और सहयोगी दलों की अव्यवस्था से जनता अब पूरी तरह निराश है।
दिग्विजय सिंह का पलटवार
वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि वोटों में भारी गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि
- 62 लाख वोट काटे गए,
- 20 लाख नए जुड़े,
- जिनमें से 5 लाख बिना SIR फॉर्म भरे बढ़ा दिए गए।
उन्होंने यह भी दावा किया कि कटे हुए वोटों में गरीब, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं की संख्या ज्यादा थी। ईवीएम पर भी उन्होंने सवाल उठाया।