Mokshada Ekadashi 2025 : पितरों की शांति और अपने जीवन में सुख-समृद्धि लाने के विशेष उपाय

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India News Live,Digital Desk : वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। इस साल यह एकादशी 01 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की विधिपूर्वक पूजा का विधान है। साथ ही पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष दिलाने के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं।

1. तुलसी पूजा

  • एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करें।
  • पूजा के बाद तुलसी के कुछ दल उठाकर पितरों के नाम से जल में प्रवाहित करें या पीपल के पेड़ की जड़ में रखें।
  • तुलसी को मोक्ष दायिनी माना जाता है। इससे पितरों को शांति मिलती है और वे सुख-शांति का आशीर्वाद देते हैं।

2. दीपदान

  • शाम के समय घर की दक्षिण दिशा में या किसी पीपल के पेड़ के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
  • दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना गया है।
  • दीपदान से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि बनाए रखते हैं।

3. पीपल के वृक्ष की पूजा

  • मोक्षदा एकादशी पर पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें।
  • जल देते समय अपने पितरों का ध्यान करें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  • ऐसा करने से पितृ दोष शांत होता है और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

4. ब्राह्मण भोज और दान

  • व्रत पारण से पहले किसी गरीब या ब्राह्मण को घर बुलाकर सात्विक भोजन कराएं।
  • भोजन के बाद वस्त्र, अन्न या दक्षिणा का दान करें।
  • दान की जाने वाली वस्तुएं पीले रंग की हों, तो यह और भी शुभ माना जाता है।
  • इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

5. गीता का पाठ

  • मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
  • इस दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ या उसके किसी अध्याय का पाठ करें।
  • गीता का पाठ करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं।