Gorakhpur receives major relief worth ₹107 crore : 12 किलोमीटर लंबा आरसीसी नाला खत्म करेगा हर साल का जलभराव
India News Live,Digital Desk : गोरखपुर नगर निगम ने शहर के तीन वार्डों में हर साल होने वाले जलभराव की समस्या से स्थायी राहत दिलाने के लिए 107 करोड़ रुपये की बड़ी परियोजना शुरू की है। इस योजना के तहत गुलरिहा थाना से लेकर चिलुआताल तक 12.36 किलोमीटर लंबा आरसीसी नाला बनाया जा रहा है। यह नाला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अर्बन फ्लड एवं स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना के तहत तैयार किया जाएगा।
इस परियोजना का निर्माण कार्य कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज की यूनिट-42 को सौंपा गया है। नाला गुलरिहा थाना (वार्ड संख्या 30) से शुरू होकर कंचनपुर चौराहा, पुरैना पुलिया, बजरहा पुलिया, मिर्जापुर, 10 नंबर बोरिंग और एबीसी सेंटर होते हुए चिलुआताल तक पहुंचेगा। काम पूरा होने के बाद इस इलाके के करीब 50 हजार लोगों को जलभराव की समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है।
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, इस नाले की क्षमता 3,200 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) होगी। यानी बरसात के दौरान घरों और गलियों का पानी बिना रुके बह सकेगा। नाला निर्माण के दौरान इससे जुड़ी सभी छोटी शाखा नालियों को भी मुख्य लाइन से जोड़ा जाएगा, ताकि पानी का प्रवाह कहीं बाधित न हो। इसके डिजाइन में वैज्ञानिक स्तर पर ऊंचाई और गहराई तय की जा रही है, ताकि भविष्य में जलजमाव की संभावना पूरी तरह खत्म हो।
नगर निगम इस परियोजना को गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की राप्ती टाउनशिप और स्पोर्ट्स सिटी से भी जोड़ने की तैयारी कर रहा है। इससे इन नई बस्तियों का ड्रेनेज भी इसी मुख्य लाइन से जुड़ सकेगा। इसके लिए सिंचाई विभाग से एनओसी लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि यह परियोजना शहर की दीर्घकालिक जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। उन्होंने निर्माण एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी संस्थाएं आपसी समन्वय बनाकर नाले का सेक्शन और कैपेसिटी तय करें। साथ ही भविष्य की आबादी और संभावित जलप्रवाह को भी ध्यान में रखा जाए।
यह आरसीसी नाला प्रोजेक्ट न केवल गुलरिहा, मिर्जापुर, पुरैना और बजरहा इलाकों के लोगों को राहत देगा, बल्कि आगे चलकर चिलुआताल और उत्तरी गोरखपुर की ड्रेनेज व्यवस्था को भी मजबूत बनाएगा। परियोजना पूरी होते ही बरसात के मौसम में मुख्य सड़कों और मोहल्लों में जलभराव की परेशानी अतीत की बात बन जाएगी।