मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के समग्र नगरीय विकास की समीक्षा की
India News Live,Digital Desk : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के समग्र शहरी विकास की योजना की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन शहरों का विकास केवल सड़कों और भवन निर्माण तक सीमित नहीं होना चाहिए। विकास ऐसा होना चाहिए जिसमें स्थानीय पहचान, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ आधुनिक सुविधाओं का संतुलन दिखाई दे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास परियोजनाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल अपनाया जाए और जहां संभव हो, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत योजनाओं को क्रियान्वित किया जाए।
समेकित विकास मॉडल अपनाया जा रहा है
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीनों मंडलों के मंडलायुक्तों ने अपनी कार्ययोजना मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की। योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कहा कि शहरी विकास का लक्ष्य ऐसा ढांचा तैयार करना है जो यातायात को सुगम बनाए, पैदल यात्रियों और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दे, शहरों को हरा-भरा बनाए और स्थानीय पहचान को मजबूत करे। उन्होंने नवाचार, बेहतर प्रबंधन और वित्तीय संयोजन पर विशेष जोर दिया।
अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज के उदाहरण को ध्यान में रखते हुए मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के लिए भी समेकित विकास मॉडल तैयार किया गया है। इन शहरों में कुल 478 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इनमें मेरठ के लिए 111, कानपुर के लिए 109 और मथुरा-वृंदावन के लिए 258 परियोजनाएं शामिल हैं। परियोजनाओं को अल्प, मध्यम और दीर्घकालिक श्रेणियों में बांटकर समयसीमा तय की गई है।
2025-26 में पहले चरण के तहत मेरठ में 11, कानपुर में 13 और मथुरा-वृंदावन में 14 प्राथमिक परियोजनाओं पर कार्य शुरू होगा।
मेरठ में बंबा बाइपास ग्रीन कॉरिडोर की तर्ज पर विकास
मेरठ में यातायात को सुगम बनाने के लिए बिजली बंबा बाइपास, लिंक रोड और हापुड़ अड्डा से गांधी आश्रम तक सड़क चौड़ीकरण, ईस्टर्न कचहरी रोड, सूरजकुंड चौराहा, कंय्यम नगर पार्क और 19 प्रमुख चौराहों पर जंक्शन सुधार जैसी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इसके अलावा, संजय वन, शताब्दी नगर एसटीपी से मोहकमपुर औद्योगिक क्षेत्र तक जल पुनर्चक्रण और यूनिवर्सिटी रोड क्षेत्रीय पुनर्विकास पर भी काम होगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बिजली बंबा बाइपास को लखनऊ ग्रीन कारिडोर की तरह पीपीपी मोड में विकसित करने की संभावना तलाशें।
ग्रेटर कानपुर की योजनाएं
कानपुर विकास की अवधारणा ‘रूटेड इन लेगेसी, राइजिंग टू टुमारो’ के आधार पर तैयार की गई है। इसमें मैनावती मार्ग चौड़ीकरण, मल्टीलेवल पार्किंग, मास्टर प्लान सड़कों का निर्माण, ग्रीन पार्क के आसपास शहरी डिजाइन सुधार, मकसूदाबाद सिटी फारेस्ट, बाटनिकल गार्डन, वीआईपी रोड, रिवरफ्रंट लिंक, ग्रीनफील्ड कारिडोर और मेट्रो विस्तार जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।
मथुरा-वृंदावन के लिए ‘विजन 2030’
मथुरा-वृंदावन के मास्टर प्लान के तहत शहर को 'विजन-2030' के रूप में विकसित किया जाएगा। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए स्ट्रीट फसाड डेवलपमेंट, मल्टीलेवल पार्किंग, बस पार्किंग, प्रवेश द्वारों का सुंदरीकरण, नए मार्गों का निर्माण, बरसाना-गोवर्धन-राधाकुंड कारिडोर सुधार और परिक्रमा मार्ग पर सुविधाएं शामिल हैं। इसके साथ ही नगर प्रवेश से धार्मिक स्थलों तक संकेतक और प्रकाश व्यवस्था की भी योजना बनाई गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि विकास का उद्देश्य आधुनिक और सुव्यवस्थित शहरों का निर्माण करना है, जो पर्यटकों और नागरिकों दोनों के लिए सुविधाजनक हों।