आयुष्मान योजना में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा: संदिग्ध कार्डों और अस्पतालों के पुराने दावों की होगी कड़ी जांच
- by Priyanka Tiwari
- 2025-11-14 23:04:00
India News Live,Digital Desk : आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी कार्ड बनाकर इलाज करवाने और इलाज के बिल का दावा करने वाले अस्पताल अब जांच के दायरे में आ गए हैं। कई अस्पतालों ने नकली कार्डों के आधार पर इलाज करने के बाद भुगतान के लिए साचीज (स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज) में आवेदन भी भेज दिया था। अब इन अस्पतालों के पुराने रिकॉर्ड खंगाले जाएंगे। अगर जांच में गड़बड़ी उजागर होती है, तो संबंधित अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिले में कुल 12,82,440 लाभार्थियों के कार्ड बनाए जाने थे, जिनमें से 12,23,136 कार्ड तैयार किए जा चुके हैं। लोगों को सुविधा देने के लिए 28 सरकारी और 204 निजी अस्पताल योजना के तहत सूचीबद्ध हैं। पिछले दिनों आयुष्मान पोर्टल में सेंध लगाकर हैकरों ने बड़ी संख्या में फर्जी कार्ड बना दिए थे, जिनका उपयोग कर अस्पतालों में इलाज भी कराया गया। जांच में संदिग्ध मिले कार्डों को तुरंत निरस्त कर दिया गया है।
अब उन अस्पतालों की भूमिका भी खंगाली जा रही है, जिन्होंने इन फर्जी कार्डों के आधार पर मरीजों को भर्ती किया और बिल उठाया। साथ ही बीते छह महीनों में बने कार्डों की पुनः जांच की जाएगी और लाभार्थियों से संपर्क कर उनसे पूछताछ भी की जाएगी।
साचीज और पुलिस विभाग दोनों इस मामले की जांच में जुटे हैं। हैरानी की बात यह है कि यह सेंधमारी कोई पहली बार नहीं है—मई 2025 में भी अधिकारियों की आईडी हैक कर करीब 9.45 करोड़ रुपये विभिन्न अस्पतालों के खातों में ट्रांसफर कर दिए गए थे। इसी तरह अधिकारियों के मोबाइल नंबर हैक कर भी आयुष्मान कार्ड बनाए गए थे। इस करोड़ों रुपये के भुगतान घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW) भी कर रही है।
फर्जी कार्ड बनाने में इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी (ISA) की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
— डॉ. एन. डी. शर्मा, अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, वाराणसी