तीन साल की बेरोजगारी से लेकर ‘एक दीवाने की दीवानियत’ की सफलता तक — मिलाप जावेरी ने ऐसे पलटी किस्मत

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India News Live,Digital Desk : बॉलीवुड में कहा जाता है — “जिसका वक्त है, वही चमकता है।” यह बात निर्देशक और लेखक मिलाप जावेरी की जिंदगी पर भी बिल्कुल फिट बैठती है। कभी एक के बाद एक फ्लॉप फिल्मों से जूझ रहे मिलाप अब फिर से सुर्खियों में हैं। उनकी फिल्म ‘एक दीवाने की दीवानियत’ की सफलता ने उनकी किस्मत पलट दी और उन पर उठे तमाम सवालों का जवाब दे दिया।

मिलाप जावेरी याद करते हैं —

“ऐसा समय भी आया जब किसी को मुझ पर भरोसा नहीं था। मेरे पास तीन साल तक कोई काम नहीं था। उस दौर में सबसे ज्यादा दर्द इस बात का होता है कि लोग आपकी प्रतिभा पर शक करने लगते हैं। लेकिन मैंने धैर्य रखा, मेहनत जारी रखी और खुद को साबित किया।”

उन्होंने बताया कि इन मुश्किल दिनों में अभिनेता रितेश देशमुख उनके लिए फरिश्ता बनकर आए।

“रितेश ने ही मुझे ‘मस्ती 4’ दिलाई थी। उसी फिल्म के बाद मुझे ‘एक दीवाने की दीवानियत’ जैसी बड़ी जिम्मेदारी मिली।”

मिलाप कहते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में सफलता ही सबसे बड़ा जवाब होती है।

“सत्यमेव जयते 2 के बाद लोगों का भरोसा मुझ पर से उठ गया था, लेकिन ‘एक दीवाने की दीवानियत’ की सफलता ने सब बदल दिया।”

फिल्म प्रमोशन पर भी बदला नजरिया
मिलाप बताते हैं कि उन्होंने ‘एक दीवाने की दीवानियत’ को जानबूझकर ज्यादा प्रमोट नहीं किया था —

“वो फिल्म मोहब्बत और नफरत के इमोशन पर थी। हम नहीं चाहते थे कि सोनम बाजवा और हर्षवर्धन राणे हर जगह मुस्कुराते नजर आएं। लेकिन ‘मस्ती 4’ एक एडल्ट कॉमेडी है, इसलिए इसमें प्रमोशन का टोन अलग है।”

उन्होंने आगे कहा कि ‘मस्ती 4’ को विदेश में शूट किया गया है और इसका मकसद दर्शकों को एक मजेदार लेकिन सलीकेदार एडल्ट कॉमेडी देना है।

“मैंने पहली ‘मस्ती’ फिल्म लिखी थी, तो ‘मस्ती 4’ भी उसी अंदाज़ में है — बस और ज्यादा एंटरटेनमेंट के साथ।”

आज मिलाप जावेरी फिर से उसी जगह खड़े हैं जहां मेहनत, विश्वास और जुनून ने उन्हें एक बार फिर सफलता दिलाई है।