CJI बनने से पहले जस्टिस सूर्यकांत ने साफ किया एजेंडा: लंबित मामलों पर बड़ी योजना

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India News Live,Digital Desk : भारत के अगले चीफ जस्टिस बनने से ठीक दो दिन पहले जस्टिस सूर्यकांत ने साफ कर दिया है कि आने वाले 16 महीनों में उनका फोकस किन मुद्दों पर रहने वाला है। उन्होंने कहा कि उनके सामने दो सबसे बड़ी प्राथमिकताएं होंगी—
पहली, न्यायपालिका में लंबित मामलों को तेजी से निपटाना और
दूसरी, विवादों को अदालत से बाहर सुलझाने के लिए मध्यस्थता को बढ़ावा देना।

शनिवार को मीडिया से बातचीत में जस्टिस सूर्यकांत ने बताया कि सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही 90,000 से ज्यादा मामले लंबित हैं। चीफ जस्टिस का पद संभालने के बाद वे इस चुनौती से सीधे निपटने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट और निचली अदालतों का बोझ कम करने के लिए वे उन महत्वपूर्ण कानूनी सवालों पर प्राथमिकता से निर्णय देने के लिए संवैधानिक पीठ बनाएंगे, जिनकी वजह से कई मामलों में फैसले अटके पड़े हैं।

लंबित मामलों से निपटने की रणनीति

जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी सवाल उठाया कि लोग सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंच जाते हैं, जबकि कई मामलों को पहले हाई कोर्ट या ट्रायल कोर्ट से गुजरना चाहिए। उनका मानना है कि अगर इस प्रवृत्ति को समझकर सही दिशा दी जाए, तो सुप्रीम कोर्ट का बोझ काफी कम किया जा सकता है।

मध्यस्थता को बढ़ावा देने पर जोर

अपनी दूसरी प्राथमिकता पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश में आज मध्यस्थता की चर्चा हो रही है और यह तरीका कई मामलों को तेजी से और शांतिपूर्वक हल कर सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि कई कॉर्पोरेट संस्थान अपने अधिकारियों को मध्यस्थता की ट्रेनिंग दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से संपर्क कर रहे हैं। इससे साफ है कि व्यवसायिक जगत भी इस बदलाव को लेकर गंभीर है।

शपथ समारोह में अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति

जस्टिस सूर्यकांत ने बताया कि उनके शपथ ग्रहण समारोह के दौरान दिल्ली में कई अहम मेहमान मौजूद रहेंगे और कुछ महत्वपूर्ण MoU भी साइन किए जाएंगे।
सोमवार को राष्ट्रपति भवन में होने वाले समारोह में एक दर्जन से ज्यादा देशों के जज और चीफ जस्टिस शामिल होंगे।
जस्टिस सूर्यकांत फरवरी 2027 में रिटायर होंगे।