Yogi government's big decision : गन्ना किसानों को मिला 30 रुपये प्रति क्विंटल का तोहफा
India News Live,Digital Desk : योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बार फिर गन्ना किसानों के हित में बड़ा कदम उठाया है। पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। आठ साल के कार्यकाल में यह चौथी बार है जब सरकार ने गन्ने का मूल्य बढ़ाया है।
गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि किसानों के परिश्रम का सम्मान करना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उनके अनुसार, गन्ना किसान केवल उत्पादक नहीं बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। सरकार का लक्ष्य है कि हर किसान को उसकी फसल का उचित दाम सही समय पर मिले।
किसानों को मिला अब तक का सबसे अधिक भुगतान
मंत्री चौधरी ने बताया कि अब तक गन्ना किसानों को 2,90,225 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। तुलना के लिए उन्होंने बताया कि 2007 से 2017 के बीच सपा और बसपा सरकारों में किसानों को केवल 1,47,346 करोड़ रुपये का ही भुगतान हुआ था। योगी सरकार ने महज़ साढ़े आठ वर्षों में 1,42,879 करोड़ रुपये अधिक भुगतान कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
चीनी उद्योग में बड़ा निवेश और नए अवसर
उत्तर प्रदेश में इस समय 122 चीनी मिलें संचालित हैं, जिससे राज्य देश में दूसरे स्थान पर है। पिछली सरकारों के कार्यकाल में जहां कई मिलें औने-पौने दामों में बेच दी गई थीं, वहीं योगी सरकार की नीतियों से इस उद्योग में 12,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ है।
पिछले आठ वर्षों में चार नई चीनी मिलें स्थापित हुईं, छह बंद मिलें फिर से शुरू की गईं और 42 मिलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाई गई। इसके अलावा दो मिलों में सीबीजी संयंत्र भी लगाए गए हैं, जिससे वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिला है।
एथेनॉल उत्पादन में यूपी बना अग्रणी राज्य
सरकार के प्रयासों से प्रदेश ने एथेनॉल उत्पादन में भी बड़ा मुकाम हासिल किया है। मंत्री ने बताया कि राज्य में एथेनॉल उत्पादन 41 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर तक पहुंच गया है। इसके साथ ही आसवनियों की संख्या भी 61 से बढ़कर 97 हो गई है।
गन्ना क्षेत्रफल भी तेजी से बढ़ा है—20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब 29.51 लाख हेक्टेयर तक। इस उपलब्धि ने उत्तर प्रदेश को देश में पहले स्थान पर पहुंचा दिया है।
‘स्मार्ट गन्ना किसान’ प्रणाली से पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन
प्रदेश सरकार ने ‘स्मार्ट गन्ना किसान प्रणाली’ शुरू कर किसानों की जिंदगी आसान बना दी है। अब गन्ना क्षेत्रफल, सट्टा, कैलेंडरिंग और पर्ची जारी करने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो चुकी है।
किसानों को अब गन्ना पर्ची सीधे मोबाइल पर मिलती है और भुगतान डीबीटी के माध्यम से बैंक खाते में आता है। भारत सरकार ने इस प्रणाली को ‘मॉडल सिस्टम’ घोषित किया है, जिससे बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह खत्म हो गई है।