Voter list revision accelerated : ईसी ने क्यों दिए कड़े निर्देश
- by Priyanka Tiwari
- 2025-11-22 22:47:00
India News Live,Digital Desk : मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी रोल प्रेक्षकों, मंडलायुक्तों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और नगर आयुक्तों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बीएलओ को पूरा प्रशिक्षण दिया जाए, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए और काम के दौरान उनका मनोबल बढ़ाया जाए।
प्रदेश के सभी मतदाताओं को 4 दिसंबर तक अपना गणना प्रपत्र सही-सही भरकर बीएलओ को सौंपना है, ताकि 9 दिसंबर को मतदाता सूची के आलेख्य प्रकाशन में कोई भी नाम छूट न जाए। रिणवा ने साफ कहा कि एसआईआर से जुड़ी हर कार्रवाई भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक ही पूरी होनी चाहिए और किसी भी हालत में समयसीमा का उल्लंघन न हो।
उन्होंने बताया कि जिला संपर्क केंद्रों (DCC) में कार्यरत कर्मचारियों को पूरी तरह प्रशिक्षित होना चाहिए, ताकि वे एसआईआर से जुड़ी हर प्रक्रिया सही तरीके से संभाल सकें। इन केंद्रों पर जरूरत के अनुसार टेलीफोन लाइनों की पर्याप्त व्यवस्था भी रखने को कहा गया है, ताकि फोन के जरिए मिलने वाली शिकायतों का तुरंत समाधान किया जा सके।
शहरी क्षेत्रों में नगर निकाय कार्यालयों में हेल्प डेस्क स्थापित करने और सभी इलाकों में कैंप लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिससे लोग आसानी से अपना गणना प्रपत्र भर सकें। साथ ही, गणना प्रपत्रों के डिजिटलाइजेशन पर भी तेजी लाने पर जोर दिया गया।
रिणवा ने बताया कि अब तक प्रदेश में 2.18 करोड़ से अधिक प्रपत्रों का डिजिटलाइजेशन हो चुका है। चित्रकूट, औरैया, फिरोजाबाद, मुरादाबाद और सहारनपुर जैसे जिलों में 20 से 30 फीसदी काम पूरा हो गया है। जिन जिलों में प्रगति कम है, उन्हें नियमित मॉनिटरिंग बढ़ाने और बीएलओ के काम पर खास ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
“बुक ए कॉल विद बीएलओ” ऐप में लंबित मामलों को 48 घंटे के भीतर निस्तारित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा, सभी जिलाधिकारियों को अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर ग्रे टिक प्राप्त करने को कहा गया है, ताकि उनके आधिकारिक अकाउंट को लेकर कोई भ्रम न रहे। इंटरनेट मीडिया पर गलत या भ्रामक सूचना फैलाने वालों पर सख्त निगरानी रखने और हर गलत जानकारी का तथ्यात्मक जवाब तुरंत देने के निर्देश भी जारी किए गए।
अंत में, जिला निर्वाचन अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि गणना प्रपत्रों के वितरण और संग्रह की स्थिति की नियमित समीक्षा हो और कोई भी मतदाता प्रपत्र पाने से वंचित न रह जाए।