Ujjain Tour : कौन-से मंदिर जरूर देखें और क्यों? जानिए प्रचलित मान्यताएं
India News Live,Digital Desk : उज्जैन अपने आध्यात्मिक माहौल और प्राचीन मंदिरों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यहां आने वाला हर भक्त कुछ न कुछ खास अनुभव लेकर लौटता है। अगर आप भी उज्जैन की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन प्रमुख मंदिरों के दर्शन आपकी यात्रा को और भी पवित्र और यादगार बना देंगे।
श्री चिंतामन गणेश मंदिर—चिन्ताओं को दूर करने वाला धाम
उज्जैन से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर भक्तों में बेहद लोकप्रिय है। यहां स्थापित गणेश जी की मूर्ति को स्वयंभू माना जाता है।
लोग अपने विवाह के निमंत्रण पत्र सबसे पहले यहीं समर्पित करते हैं। मान्यता है कि चिंतामन गणेश के दर्शन से मन की उलझनें शांत होती हैं और साधक की हर मनोकामना धीरे-धीरे पूरी होती है।
मंगलनाथ मंदिर—मंगल दोष से मुक्ति का स्थान
उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर भी यहां का प्रमुख धार्मिक केंद्र है। मत्स्य पुराण में इसे मंगल ग्रह का जन्म स्थान बताया गया है।
जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, वे विशेष पूजा के लिए यहां आते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां की पूजा-अर्चना से मंगल दोष के दुष्प्रभाव कम होते हैं और जीवन में स्थिरता बढ़ने लगती है।
हरसिद्धि माता मंदिर—इच्छापूर्ति का शक्तिपीठ
महाकाल मंदिर के पास स्थित हरसिद्धि माता का मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है। मान्यता है कि यहां माता सती की कोहनी गिरी थी।
भक्तों का विश्वास है कि सच्चे मन से की गई प्रार्थना यहां बहुत जल्दी फल देती है। यही कारण है कि मंदिर में रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
भगवान कालभैरव मंदिर—जहां चढ़ाई जाती है शराब
उज्जैन की क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित कालभैरव मंदिर अपने अनोखे चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। यहां भगवान काल भैरव को शराब का भोग लगाया जाता है।
चमत्कार यह है कि जिस पात्र में शराब अर्पित की जाती है, वह पूरी तरह खाली हो जाता है—और यह आज तक कोई नहीं समझ पाया कि आखिर वह शराब जाती कहां है। इसी रहस्य के कारण यहां हर दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।