मराठी एकता पर उद्धव-राज की जुगलबंदी, अठावले बोले– फायदा NDA को, संकट MVA पर

India News Live,Digital Desk : उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक साथ मंच साझा करने पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि मराठी के मुद्दे पर दोनों साथ आए हैं, यह अच्छी बात है। हमें मराठी पर गर्व भी है। यह भी सच है कि सभी को मराठी बोलना आना चाहिए।
महा विकास अघाड़ी में होगी फूट - अठावले
रामदास अठावले ने दावा किया कि दोनों भाइयों के साथ आने से हमारे महायुति (एनडीए) को ज़्यादा फ़ायदा होगा. उन्होंने दावा किया कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में फूट पड़ेगी. कांग्रेस और एनसीपी (सपा) अलग-अलग रहेंगे. उद्धव ठाकरे को वहां से बाहर आना होगा. क्योंकि राज ठाकरे कहते हैं कि अगर हम दोनों साथ चलना चाहते हैं तो किसी और की ज़रूरत नहीं है.
'देखते हैं वे कितने समय तक साथ रहते हैं'
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "दोनों साथ आ गए हैं। देखते हैं कि वे कब तक साथ रहते हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठी भाषा के मुद्दे पर जो रैली की थी, उस पर स्थिति साफ करने का काम किया है। रैली से पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने स्कूलों में हिंदी पढ़ाने के सरकारी आदेश को रद्द कर दिया है।"
Mumbai, Maharashtra: Union Minister of State Ramdas Athawale says, "Uddhav Thackeray and Raj Thackeray have come together after 20 years. Let’s see what happens in reality. Both have come together now on the Marathi issue, which is a good thing. We also take pride in Marathi,… pic.twitter.com/EvPb6lkLVV
— IANS (@ians_india) July 5, 2025
'उद्धव ठाकरे के पास अब नहीं है शिवसेना'
रामदास अठावले ने यह भी कहा, "हमें विजय रैली का आयोजन करना चाहिए था. उनकी विजय रैली का कोई मतलब नहीं है. उन्हें लगता है कि हमारी रैली की वजह से ऐसा किया गया है लेकिन ऐसा नहीं है. हमारी सरकार ने सभी मराठी लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया है. अगर दोनों भाई एक साथ आते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उद्धव ठाकरे के पास अब शिवसेना नहीं है. असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की है. इसलिए कई लोग एकनाथ शिंदे के साथ हैं. एकनाथ शिंदे के साथ 40 विधायक आए थे."
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "राज ठाकरे बहुत बड़ी-बड़ी सभाएं करते हैं. यह बहुत अच्छी बात है. वह बहुत अच्छे वक्ता हैं. राज ठाकरे एक मजबूत नेता हैं. लेकिन उन्हें वोट नहीं मिल रहे हैं. वर्तमान में उनके पास एक भी विधायक नहीं है. एक समय में 13 विधायक चुने गए थे. दोनों के एक साथ आने से महाराष्ट्र की राजनीति में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. अगर कोई फर्क पड़ेगा तो वह महा विकास अघाड़ी पर पड़ेगा."