Perform Tarpan for ancestors on Margashirsha Amavasya : गंगा स्तोत्र व गंगाष्टक का पाठ देता है विशेष पुण्य

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India News Live,Digital Desk : आज मार्गशीर्ष अमावस्या का पवित्र दिन है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा और उसकी सहायक नदियों में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं। लोग अपनी क्षमता के अनुसार दान-पुण्य, जप-तप और पूजा करते हैं।

शास्त्रों में मार्गशीर्ष अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार इस दिन किए गए पितरों के तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और साधक के जीवन से कई प्रकार के संकट दूर होते हैं। यदि आप भी पितरों की कृपा पाना चाहते हैं तो स्नान और ध्यान के बाद तर्पण करें और गंगा स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।

इस दिन गंगा स्तोत्र, गंगाष्टक और गंगा के विविध श्लोकों का पाठ अत्यंत फलदायी माना गया है। कहा जाता है कि मां गंगा के जल का स्पर्श मात्र पापों को दूर कर जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाता है। शास्त्रों में यह भी वर्णित है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से गंगा स्तोत्र और गंगाष्टक का पाठ करता है, उसे पापों से मुक्ति मिलती है और विष्णुलोक की प्राप्ति होती है।

गंगा स्तोत्र में मां गंगा की दिव्यता, पवित्रता और उनके जल की महिमा का वर्णन मिलता है। वहीं, गंगाष्टक में गंगा के विभिन्न रूपों, उनके उद्गम, उनके पावन प्रवाह और उनके द्वारा पापों के नाश का उल्लेख है। इन स्तोत्रों का नियमित पाठ मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।

शास्त्रों के अनुसार गंगा देवी न सिर्फ पापों का नाश करती हैं, बल्कि जीवन की कठिनाइयों को भी दूर करती हैं। उनके तट पर किया गया साधना, ध्यान और जाप कई गुना फलदायी माना जाता है। इसलिए मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन गंगा माँ की उपासना अथवा उनके स्तुति पाठ का विशेष महत्व है।