New heights in relations : अर्जेंटीना में पीएम मोदी की ऐतिहासिक यात्रा

India News Live,Digital Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली की मुलाकात में दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा देने पर सहमति बनी। व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, कृषि और खनिज जैसे अहम क्षेत्रों में रिश्ते और मजबूत करने का निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने फार्मा और खेल जगत में भी सहयोग की अपार संभावनाओं की ओर इशारा किया।
मोदी शुक्रवार शाम अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स पहुंचे थे, जहां उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत हुआ। यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक है, क्योंकि करीब 57 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री अर्जेंटीना की द्विपक्षीय यात्रा पर पहुंचा है।
सहयोग के नए द्वार
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति माइली के बीच हुई बैठक में दोनों देशों के बीच ऊर्जा, सुरक्षा, खनिज और रक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में साझेदारी को और मजबूत करने की बात हुई। मोदी ने खासतौर पर अर्जेंटीना के सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया, जो भारत के कठिन समय में उसके साथ खड़ा रहा।
ऊर्जा और खनिज संसाधनों में भागीदारी
भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए अर्जेंटीना का शेल तेल और गैस भंडार भारत के लिए उपयोगी हो सकता है। साथ ही लिथियम, तांबा और रेयर अर्थ मिनरल्स जैसे खनिजों के क्षेत्र में सहयोग भारत के स्वच्छ ऊर्जा अभियान को आगे बढ़ा सकता है।
कृषि और तकनीक के क्षेत्र में साझेदारी
दोनों देशों ने एक-दूसरे के बाजारों में कृषि उत्पादों की पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। कृषि पर एक संयुक्त कार्य समूह बनाने का निर्णय लिया गया। साथ ही ड्रोन तकनीक में संभावनाओं को लेकर भी चर्चा हुई।
ऐतिहासिक पलों का साक्षी
मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रीय नायक जनरल जोस डी सैन मार्टिन की समाधि पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद राष्ट्रपति माइली ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया और दोनों नेताओं ने एकजुटता के प्रतीकस्वरूप एक-दूसरे को गले लगाया।
प्रवासी भारतीयों से आत्मीय मुलाकात
ब्यूनस आयर्स में भारतीय समुदाय ने मोदी का जोरदार स्वागत किया। 'मोदी-मोदी', 'जय हिंद' और 'भारत माता की जय' जैसे नारों से माहौल गूंज उठा। प्रधानमंत्री ने भी एक्स पर भावुक संदेश लिखा कि “सांस्कृतिक संबंधों में दूरी कोई बाधा नहीं है।”
रणनीतिक साझेदारी का भविष्य
दोनों देशों के बीच 2019 में बनी रणनीतिक साझेदारी अब और गहराई पा रही है। यह सहयोग सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह तकनीकी, सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्रों तक भी विस्तार पाएगा।