Major political change in Himachal : विनय कुमार ने उपाध्यक्ष पद छोड़ा, कांग्रेस ने बनाया नया प्रदेश अध्यक्ष
India News Live,Digital Desk : हिमाचल प्रदेश की सियासत में शनिवार को बड़ा फेरबदल हुआ। विधानसभा के उपाध्यक्ष विनय कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कुछ ही देर बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
हालांकि विनय कुमार विधायक बने रहेंगे।
क्यों चर्चा में था विनय कुमार का नाम?
काफी समय से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर अटकलें जारी थीं। इस पद के लिए एससी समुदाय से नेता को चुनने की बात चल रही थी और विनय कुमार का नाम सबसे आगे था। उनकी खरगे से मुलाकात के बाद अटकलें और तेज हो गई थीं। राहुल गांधी ने दिल्ली में जिन छह नेताओं को संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाया था, उनमें विनय कुमार भी शामिल थे।
विनय कुमार: तीन बार के विजेता विधायक
सिरमौर जिले के श्रीरेणुका जी विधानसभा क्षेत्र से विनय कुमार लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। 2012, 2017 और 2022 में उन्होंने जीत दर्ज की। उनके पिता डॉ. प्रेम भी विधायक रह चुके हैं।
विनय कुमार एससी वर्ग से आते हैं और वीरभद्र सिंह सरकार में सीपीएस भी रह चुके हैं। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के करीबी माने जाने वाले विनय को संगठन में मजबूत चेहरा माना जाता है। वे पूर्व में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
उपाध्यक्ष पद खाली, अब लॉबिंग तेज
उपाध्यक्ष पद खाली होने के बाद विधानसभा में नए उपाध्यक्ष के चयन को लेकर हलचल तेज हो गई है। शीतकालीन सत्र 26 दिसंबर से शुरू होना है, ऐसे में किस विधायक को यह जिम्मेदारी दी जाए, इस पर अंदरखाने जोर-शोर से चर्चा और लॉबिंग चल रही है।
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें भी गर्म
विनय कुमार के इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। कैबिनेट में एक पद पहले से खाली है और चर्चा है कि एक मंत्री को हटाकर नए चेहरे को शामिल किया जा सकता है।
कांग्रेस हाईकमान की पसंद बने विनय
खरगे की बैठकों में जिन छह नेताओं को शॉर्टलिस्ट किया गया था, उनमें विनय कुमार को सबसे मजबूत दावेदार माना गया। हारीलॉज का भी उनके साथ मजबूत समर्थन माना जाता है।
उन्होंने हाईकमान के सामने यह भी बताया था कि अध्यक्ष बनने पर वह संगठन को कैसे मजबूत करेंगे।