G20 समिट में यूरोपीय देशों ने अमेरिका की शांति योजना पर जताई आपत्ति, यूक्रेन को दिया गया ट्रंप का अल्टीमेटम बवाल बढ़ा रहा
India News Live,Digital Desk : दक्षिण अफ्रीका में चल रही जी-20 समिट के दौरान यूरोपीय देशों के नेताओं ने यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका की शांति योजना पर आपस में चर्चा की। यह बातचीत समिट के आधिकारिक एजेंडे का हिस्सा नहीं थी और जोहानिसबर्ग में अलग से आयोजित की गई।
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के नेताओं ने साफ कहा कि किसी भी तरह की ताकत या दबाव के जरिए यूक्रेन की सीमाएं बदलना स्वीकार नहीं किया जा सकता। यूरोप इस सिद्धांत पर किसी भी कीमत पर समझौता करने के पक्ष में नहीं है।
28 बिंदुओं वाली अमेरिकी शांति योजना को लेकर यूक्रेन और उसके करीब सभी सहयोगी देश पहले ही असहमति जता चुके हैं। केवल इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ही इस योजना के समर्थन में दिखी हैं और उन्होंने इसे लागू करने की बात कही है।
ट्रंप ने क्या शर्त रखी?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने कहा कि रूस की बयानबाज़ी और उसके कदमों में बड़ा अंतर है, इसलिए इस योजना पर भरोसा करना मुश्किल है।
वहीं, यूरोपीय यूनियन की प्रेसिडेंट उर्सला वॉन डेर लाइएन ने दो टूक कहा कि यूक्रेन की भागीदारी के बिना कोई भी शांति योजना नहीं बन सकती।
लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को 27 नवंबर तक योजना मानने का समय दिया है। चेतावनी भी दे दी कि अगर यूक्रेन ने योजना नहीं मानी तो वह हथियारों और खुफिया सूचनाओं की सहायता बंद कर देंगे।
यूक्रेन और यूरोपीय देशों का यह भी आरोप है कि योजना में केवल रूस के हितों को प्राथमिकता दी गई है।
अमेरिका की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव में रूस को डोनेस्क और लुहांस्क जैसे कब्जे वाले क्षेत्रों को अपने पास रखने की अनुमति, यूक्रेन की सेना को कमजोर करने जैसी शर्तें, नाटो में शामिल होने की इच्छा छोड़ने और युद्ध के बाद यूरोपीय सेनाओं की तैनाती रोकने जैसे बिंदु शामिल हैं। रूस ने इस ड्राफ्ट को मंजूर करने के संकेत भी दिए हैं।
पुतिन का दावा और आगे की बातचीत
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यह प्रस्ताव यूक्रेन में स्थायी शांति लाने का रास्ता खोल सकता है।
उधर, यूक्रेन भी अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए तैयारी कर रहा है। पूर्व रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव के नेतृत्व में एक यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल जल्द ही स्विट्जरलैंड जाएगा, जहां अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि रविवार को जिनेवा में बैठक संभव है।