Delhi blast : पांच उत्तर प्रदेश के लालों की दर्दनाक मौत, घरों में पसरा मातम
India News Live,Digital Desk : बीते सोमवार का दिन दिल्ली के इतिहास का एक काला अध्याय बन गया। लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुई कार ब्लास्ट की इस भयानक घटना में नौ लोगों की मौत हो गई, जिनमें पांच लोग उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। हादसे में मारे गए इन लोगों के घरों में अब सन्नाटा और मातम पसरा है। आइए जानते हैं इन पांचों की कहानी—
1. शामली के नोमान की मौत से टूटा परिवार का सहारा
शामली के झिंझाना कस्बे के 22 वर्षीय नोमान अंसारी की जिंदगी महज कुछ पल में खत्म हो गई।
नोमान कस्बे में एक कॉस्मेटिक की दुकान चलाता था और सोमवार को अपने साथी अमन के साथ सामान खरीदने दिल्ली गया था।
पार्किंग में कार से उतरते ही तेज धमाका हुआ, जिसमें नोमान की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अमन गंभीर रूप से घायल हो गया।
सूचना मिलते ही परिवार पर कोहराम मच गया, गांव में मातम छा गया और झिंझाना पुलिस भी घर पहुंचकर हालात का जायजा लेने लगी।
2. मेरठ के मोहसिन का शव तीन घंटे बाद मिला
मेरठ के न्यू इस्लामनगर के मोहसिन रोजाना ई-रिक्शा चलाते थे।
वह दो साल पहले पत्नी सुल्ताना और दो बच्चों के साथ दिल्ली के जामा मस्जिद क्षेत्र में किराए के मकान में रहने लगे थे।
सोमवार शाम वह रोज की तरह काम पर निकले थे कि अचानक धमाके में उनकी जान चली गई।
भाई के अनुसार, तीन घंटे की तलाश के बाद शव मिला।
पोस्टमार्टम के बाद जब परिजन शव मेरठ लाने लगे, तो पत्नी सुल्ताना ने विरोध किया और गाड़ी के आगे लेट गई, वह चाहती थी कि शव दिल्ली में ही दफनाया जाए।
विवाद के चलते फिलहाल पुलिस ने शव परिजनों को सौंपने से मना कर दिया है।
3. अमरोहा के लोकेश और उनके दोस्त अशोक की भी मौत
अमरोहा के हसनपुर निवासी खाद व्यापारी लोकेश अग्रवाल अपनी समधन शशि अग्रवाल का हाल जानने दिल्ली पहुंचे थे।
शशि अग्रवाल का इलाज दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में चल रहा था।
लोकेश ने दिल्ली में रह रहे अपने मित्र अशोक को लाल किला मेट्रो स्टेशन बुलाया था ताकि दोनों साथ अस्पताल जा सकें,
लेकिन उसी वक्त हुए धमाके में दोनों की मौके पर मौत हो गई।
लोकेश अपने पीछे दो बेटे गौरव, सौरभ और एक बेटी दिव्या को छोड़ गए हैं।
उनकी पत्नी का निधन पहले ही हो चुका था। मंगलवार सुबह से ही दोनों परिवारों में लोगों का तांता लगा रहा।
4. श्रावस्ती के दिनेश की मौत से बेसहारा हुआ परिवार
दिल्ली धमाके में श्रावस्ती के दिनेश कुमार की भी मौत हो गई।
यह खबर सुनते ही उनके गांव में मातम छा गया।
पत्नी रीना देवी सदमे से बार-बार बेहोश हो रही हैं, जबकि उनके तीन छोटे बच्चे — बेटा हिमांशु (8) और बेटियां बिट्टा (7) व सृष्टि (4) — लगातार रोते रहे।
दिनेश के पिता भूरे मिश्रा ने बताया कि उन्हें टीवी से धमाके की खबर मिली थी।
जब उन्होंने फोन से बेटों से संपर्क करने की कोशिश की, तो दिनेश का नंबर बंद मिला।
थोड़ी देर बाद दिल्ली पुलिस से सूचना आई कि दिनेश भी मृतकों में शामिल हैं।
इन पांचों परिवारों की कहानियां दिल्ली धमाके की भयावहता को बयान करती हैं।
जहां एक ओर पुलिस जांच में जुटी है, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के ये गांव अब शोक की चादर में लिपटे हैं।