2025 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरीना माचादो ने भारत को लोकतंत्र का मिसाल बताया

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India News Live,Digital Desk : 2025 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता, मारिया कोरीना माचादो, पिछले 20 सालों से वेनेजुएला में लोकतंत्र बहाली की लड़ाई लड़ रही हैं। पिछले 15 महीनों से वह छिपकर रहने के बाद एक गुप्त स्थान से टाइम्स नाउ को इंटरव्यू दे रही हैं। माचादो ने कहा,

"भारत एक महान लोकतंत्र है और दुनिया के लिए एक प्रेरणा है। लोकतंत्र को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।"

पीएम मोदी से मिलने की उम्मीद

माचादो ने कहा कि भारत, वेनेजुएला का एक मजबूत सहयोगी बन सकता है, खासकर जब देश में शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने और स्वतंत्र वेनेजुएला में उन्हें आमंत्रित करने की इच्छा जताई।

भारत के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए माचादो ने कहा, "मैं पूरे दिल से भारत की सराहना करती हूं। मेरी बेटी भी भारत गई थी और उसे यह देश बहुत पसंद आया।" उन्होंने बताया कि उनके कई मित्र वेनेजुएला से भारत में रहते हैं और वह खुद भारतीय राजनीति को करीब से फॉलो करती हैं।

गांधी की अहिंसा से प्रेरणा

माचादो ने महात्मा गांधी के योगदान की भी तारीफ की। उनका कहना था, "गांधी ने दिखाया कि शांतिपूर्ण विरोध कमजोरी नहीं है। अहिंसा के जरिए भी आज़ादी हासिल की जा सकती है।" वह चाहती हैं कि भारत लोकतंत्र के इस सफर में वेनेजुएला के लोगों के अधिकारों का समर्थन करे।

मादुरो सरकार पर गंभीर आरोप

2024 के राष्ट्रपति चुनावों को लेकर माचादो ने कहा कि निकोलस मादुरो सरकार ने चुनाव में धोखाधड़ी की। उन्होंने दावा किया, "28 जुलाई 2024 को हमने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी। मुझे विपक्ष का उम्मीदवार बनाया गया, लेकिन मादुरो शासन ने मुझे चुनाव लड़ने से रोक दिया।"

माचादो ने बताया कि इसके बाद एक ईमानदार उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया, जिसने 70% वोट से जीत हासिल की। उन्होंने आगे कहा, "हमने 85% वोटों को डिजिटाइज करके साबित किया कि हम विजयी थे, लेकिन मादुरो ने सत्ता छोड़ने से इनकार कर दिया और दमन शुरू कर दिया।" उन्होंने आरोप लगाया कि हजारों निर्दोष लोग लापता कर दिए गए और महिलाओं व बच्चों पर अत्याचार हुआ।

अमेरिका और ट्रंप का सहयोग

माचादो ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लोकतंत्र की इस लड़ाई में मुख्य सहयोगी बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन और लैटिन अमेरिकी देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय साझेदारी ने मादुरो सरकार पर दबाव बढ़ाया है। माचादो का मानना है कि जल्द ही मादुरो 'गैर-हिंसक सत्ता परिवर्तन' के लिए तैयार होंगे।