राज्यों को पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए केंद्र से मिलेगा 2000 करोड़ का प्रोत्साहन, बनाना होगा टेस्टिंग और स्क्रैपिंग का नेटवर्क

India News Live,Digital Desk : सरकार इस साल पुराने और तय समयसीमा पूरी कर चुके वाहनों की स्क्रैपिंग को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को 2000 करोड़ रुपये की मदद देगी। यह राशि पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दी जाएगी। हालांकि इसके लिए राज्यों को रजिस्ट्रर्ड व्हीकल स्क्रैप फैसिलिटी (RVSF) और ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की पूरी व्यवस्था बनानी होगी।
15 साल से ज्यादा पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप करना अनिवार्य है। निजी और कमर्शियल गाड़ियों के लिए नियम अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हैं। स्क्रैप नीति को लागू करने में अब तक राज्यों को जो सबसे बड़ी परेशानी आ रही थी, वो थी मोटर व्हीकल टैक्स में दी गई छूट से होने वाला राजस्व नुकसान। अब केंद्र सरकार इन राज्यों को 200 करोड़ रुपये तक की सहायता राशि देगी जिससे उनका नुकसान पूरा हो सकेगा और नीति को तेज़ी से लागू किया जा सकेगा।
किन राज्यों को कितनी मदद मिलेगी?
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को 200 करोड़ रुपये तक मिलेंगे। पश्चिम बंगाल और हरियाणा को 100 करोड़ रुपये जबकि झारखंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, बिहार और दिल्ली को 50-50 करोड़ रुपये की मदद मिलेगी।
राज्यों को उनके द्वारा स्क्रैप किए गए सरकारी वाहनों की संख्या के आधार पर भी अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा। जैसे:
पहले 500 वाहनों पर प्रति वाहन ₹50,000
501-1000 वाहन पर ₹60,000
1001-2000 वाहन पर ₹75,000
2001-4000 वाहन पर ₹90,000
4001-6000 वाहन पर ₹1,20,000
6000 से अधिक वाहन पर ₹1,50,000 प्रति वाहन
उदाहरण के लिए, यदि कोई राज्य 3000 सरकारी वाहन स्क्रैप करता है, तो उसे लगभग 22 करोड़ रुपये तक की सहायता राशि मिल सकती है।
निजी वाहनों के लिए भी सहायता राशि तय की गई है — शुरुआती 1000 वाहनों पर ₹5000 प्रति वाहन, और फिर हर अतिरिक्त 1000 वाहनों पर ₹2500 की बढ़ोतरी होती जाएगी। यदि स्क्रैपिंग की संख्या 5000 पार कर जाती है, तो सहायता राशि बढ़कर ₹20,000 प्रति वाहन हो जाएगी।
सरकार 250 प्रमुख जिलों में ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर बनाने में भी राज्यों की मदद करेगी। इन जिलों की सूची अलग से सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी की जाएगी। राज्यों को इन केंद्रों की स्थापना और संचालन सुनिश्चित करना होगा।