गाजा समर्थन विरोध में पाकिस्तान में प्रदर्शन हिंसा, टीएलपी और पुलिस में टकराव
- by Priyanka Tiwari
- 2025-10-13 16:35:00
India News Live,Digital Desk : पाकिस्तान में गाजा पीस प्लान का समर्थन करने के खिलाफ कई दिनों से जारी प्रदर्शन हिंसक रूप ले रहा है। इसी बीच तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों और पुलिस के बीच लाहौर में झड़प की खबर सामने आई है। यह झड़प खासतौर पर इजरायल विरोधी मार्च के दौरान हुई।
मिली जानकारी के अनुसार, इस झड़प में कम से कम एक पुलिस अधिकारी की मौत हुई और कई लोग घायल हुए। पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले और बल का प्रयोग किया।
सोमवार को राजधानी इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे टीएलपी समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसा के कारण शहर लगभग ठप हो गया।
टीएलपी और पुलिस झड़प की स्थिति
पंजाब के पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर ने मीडिया को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें एक अधिकारी की मौत हुई और कई घायल हुए। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि प्रदर्शनकारियों को कोई नुकसान हुआ या नहीं।
टीएलपी ने अपने बयान में कहा कि उनके कई समर्थक मारे गए और कई घायल हुए हैं। इसके अलावा टीएलपी प्रमुख साद रिजवी भी गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। रिजवी ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में पुलिस से बातचीत करने और गोलीबारी बंद करने का आग्रह करते हुए नजर आए थे।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए दृश्य
सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कई वाहन जलते हुए दिखाई दे रहे हैं। इनमें एक ट्रक भी शामिल है जो टीएलपी कार्यकर्ताओं को ले जा रहा था। यह वाहन उन्हीं प्रदर्शनकारियों का है जिन्होंने शुक्रवार को पूर्वी पाकिस्तान से "लॉन्ग मार्च" शुरू किया था। इस मार्च के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा हुई, और शनिवार को पुलिस ने 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया।
अमेरिकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन
बताया जा रहा है कि टीएलपी समर्थक इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास के सामने फलस्तीन समर्थक रैली निकालने पर अड़े थे। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाया, तो प्रदर्शनकारियों ने गोलीबारी का सामना किया।
झड़प की शुरुआत
एपी समाचार एजेंसी के अनुसार झड़प उस समय शुरू हुई जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश की। लाहौर में पुलिस से झड़प के बाद समर्थक पास के मुरीदके कस्बे में डेरा डाल गए और मार्च फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहे थे।
टीएलपी के बारे में
टीएलपी ने 2018 के पाकिस्तान चुनावों में प्रमुखता हासिल की, जब उन्होंने देश के ईशनिंदा कानून के बचाव का मुद्दा उठाया। यह कानून किसी भी व्यक्ति के खिलाफ लागू होता है जो इस्लाम का अपमान करता है, और इसके तहत मृत्युदंड का प्रावधान है। इसके बाद से टीएलपी ने कई हिंसक रैलियों का आयोजन किया है, विशेषकर विदेशों में कुरान के अपमान के खिलाफ।