Iran-Israel tension deepens : रजा शाह पहलवी का खामेनेई पर बड़ा हमला, सत्ता परिवर्तन की अपील

India News Live,Digital Desk : ईरान और इजरायल के बीच तनाव अब बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। एक तरफ इजरायल के लोग बंकरों में छिपने को मजबूर हैं, तो दूसरी ओर ईरान के नागरिक अपने शहर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की ओर भाग रहे हैं। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि दोनों देशों की जनता असुरक्षित महसूस कर रही है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई जीवित हैं, यह संघर्ष रुकने वाला नहीं है। मंगलवार को इजरायल ने जानकारी दी कि उसकी सेना ने ईरानी मेजर जनरल अली शादमानी को एक हवाई हमले में मार गिराया है। खास बात यह है कि शादमानी ने महज चार दिन पहले ही अपना पद संभाला था।
इस बीच ईरान के पूर्व शाह के बेटे रजा शाह पहलवी ने खामेनेई के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि ईरान की सत्ता बदले और लोकतंत्र को मौका मिले। रजा शाह पहलवी के पिता शाह मोहम्मद रेजा पहलवी ने साल 1979 तक ईरान पर शासन किया था, लेकिन इस्लामिक क्रांति के बाद उन्हें देश छोड़ना पड़ा।
बीबीसी से बातचीत में रजा शाह ने कहा कि यह युद्ध ईरानी जनता का नहीं, बल्कि खामेनेई का निजी युद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह समय है जब ईरान की जनता को स्वतंत्रता और लोकतंत्र की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। अपने वीडियो संदेश में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे केवल प्रतिबंध ही नहीं लगाएं, बल्कि ईरानी जनता का समर्थन भी करें ताकि वे बदलाव के लिए आगे बढ़ सकें।
रजा शाह पहलवी का यह भी कहना है कि इजरायल का हमला जनता पर नहीं बल्कि सरकार की ताकत को कमजोर करने के लिए था। उनका मानना है कि अगर अब भी दुनिया चुप बैठी रही तो ईरानी जनता का यह मौका भी निकल जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि खामेनेई की सरकार पहले से कहीं ज्यादा कमजोर हो चुकी है और यही समय है जब लोग उठ खड़े होकर बदलाव की ओर कदम बढ़ाएं।
बता दें कि शाह मोहम्मद रेजा पहलवी को 26 साल शासन करने के बाद इस्लामिक क्रांति के चलते देश छोड़ना पड़ा था और वे मिस्र में जाकर बसे थे। वहीं, खामेनेई को क्रांति के बाद देश लौटने का मौका मिला और उन्हें ईरान का पहला सुप्रीम लीडर बनाया गया। उनके निधन के बाद 1989 में अयातुल्ला अली खामेनेई को यह पद सौंपा गया, जो अब तक सत्ता में बने हुए हैं।