कार्तिक महीने का महत्व और पहला प्रदोष व्रत 2025

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India News Live,Digital Desk : सनातन धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा से जागृत होते हैं। इसी अवसर पर देवउठनी एकादशी मनाई जाती है।

कार्तिक महीने में कई प्रमुख व्रत और त्यौहार भी आते हैं जैसे - दीवाली, धनतेरस, भाई दूज, गोवर्धन पूजा और छठ पूजा। इसके अलावा, कृष्ण और शुक्ल पक्ष में प्रदोष व्रत भी बड़े श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत के पुण्य से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है और सुख-संपत्ति और सौभाग्य में वृद्धि होती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।

प्रदोष व्रत 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 18 अक्टूबर, दोपहर 12:18 बजे

त्रयोदशी तिथि समाप्त: 19 अक्टूबर, दोपहर 01:51 बजे

इस तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है।

कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

प्रदोष व्रत 2025: शुभ योग और महत्व

ज्योतिषियों के अनुसार इस बार पहले प्रदोष व्रत पर दुर्लभ ब्रह्म योग बन रहा है। यह योग पूरे दिन बना रहेगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी शुभ कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही, कार्तिक महीने में गंगा स्नान करने का विशेष महत्व भी है।

पंचांग विवरण

सूर्योदय: 06:24 AM

सूर्यास्त: 05:48 PM

ब्रह्म मुहूर्त: 04:43 AM – 05:33 AM

विजय मुहूर्त: 02:02 PM – 02:46 PM

गोधूलि मुहूर्त: 05:48 PM – 06:14 PM

निशिता मुहूर्त: 11:41 PM – 12:31 AM