Stall in gold prices : क्या ये गिरावट स्थायी है या निवेश का सुनहरा मौका?

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India News Live,Digital Desk : पिछले दो सालों में सोने ने निवेशकों को चौंकाने वाले रिटर्न दिए हैं। अक्टूबर 2022 में जो सोना करीब 1630 डॉलर प्रति औंस पर था, वो अब 3260 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच गया है। यानी महज 28 महीनों में इसकी कीमत लगभग दोगुनी हो गई। हालांकि अब, कीमतों में ठहराव और गिरावट के संकेत मिलने लगे हैं, जिससे यह सवाल उठने लगा है – क्या सोना अब और गिरेगा या फिर ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम से ऊपर जाएगा?

सोना क्यों भागा आसमान की ओर?

दुनियाभर में फैले भू-राजनीतिक तनाव, जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया की स्थिति, अमेरिकी अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता, और विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की भारी खरीदारी ने इसकी मांग को कई गुना बढ़ाया। सोने को एक ‘सुरक्षित निवेश’ मानकर लोगों ने इसमें खूब पैसा लगाया, और कीमतें भी लगातार चढ़ती गईं।

हालिया गिरावट की वजहें

हाल के हफ्तों में सोने की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है। इसका एक कारण यह है कि इजरायल और ईरान के बीच टकराव जल्द खत्म हो गया और अमेरिका में टैरिफ को लेकर चिंताएं कम हो गईं। साथ ही अप्रैल में जब सोना ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार गया, तो निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू कर दिया, जिससे कीमत में लगभग 4% की गिरावट दर्ज की गई।

क्या गिरावट स्थायी है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह गिरावट स्थायी नहीं है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, दुनियाभर के करीब 43% केंद्रीय बैंक अगले एक साल में और ज्यादा सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, अमेरिका में 2025 के अंत से ब्याज दरों में गिरावट का अनुमान है। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो निवेशक सोने जैसे गैर-ब्याज वाली संपत्तियों की ओर झुकते हैं।

डॉलर इंडेक्स भी फिलहाल 100 से नीचे है, जो डॉलर की कमजोरी को दर्शाता है। ऐसे में निवेशक डॉलर की जगह सोने को प्राथमिकता देते हैं। यही वजह है कि कुछ बड़े बैंकों का मानना है कि 2026 तक सोने की कीमतें 4000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं।

निवेशकों के लिए सलाह

अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो सोने की मौजूदा कीमतों में गिरावट आपके लिए एक अवसर हो सकता है। जानकारों का मानना है कि अपने निवेश पोर्टफोलियो में 5% से 10% हिस्सा सोने में लगाना उचित होता है। ज्यादा निवेश से बचना चाहिए क्योंकि कीमतें पहले ही ऊंचे स्तर पर हैं।

कुल मिलाकर, दुनिया भर में जब तक अनिश्चितता और राजनीतिक तनाव बना रहेगा, सोना निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बना रहेगा। इसकी चमक थोड़ी फीकी जरूर हुई है, लेकिन इसकी चमक खत्म नहीं हुई है। जो निवेशक समझदारी से कदम उठाते हैं, उनके लिए यह समय धीरे-धीरे सोना जोड़ने का एक सही मौका है।