पाकिस्तान-चीन की जोड़ी बना रही है SAARC का विकल्प

India News Live,Digital Desk : 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था, लेकिन लगता है कि पाकिस्तान अब भी सबक नहीं ले रहा है। अब वह अपने पुराने साथी चीन के साथ मिलकर एक नई रणनीति बना रहा है। दोनों देश मिलकर दक्षिण एशिया में एक नए क्षेत्रीय संगठन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं, जो SAARC जैसे संगठन को हाशिए पर डाल सकता है।
हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान और चीन मिलकर एक ऐसे क्षेत्रीय संगठन की योजना बना रहे हैं जो दक्षिण एशिया में नई राजनीतिक और रणनीतिक धुरी बन सकता है। बताया जा रहा है कि इस पहल की कमान चीन ने संभाली है, जबकि पाकिस्तान उसका सहयोगी बना है।
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने बताया है कि बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच इस मुद्दे पर बातचीत अपने अंतिम चरण में है। दोनों देशों की राय है कि दक्षिण एशिया में सहयोग और संपर्क बढ़ाने के लिए अब एक नए संगठन की जरूरत है।
साफ है कि चीन इस नए संगठन के माध्यम से SAARC की जगह लेना चाहता है ताकि वह इस क्षेत्र में अपनी कूटनीतिक और सैन्य पकड़ मजबूत कर सके। गौरतलब है कि चीन का SAARC में कोई औपचारिक स्थान नहीं है, फिर भी वह क्षेत्र के लगभग हर देश के साथ मजबूत आर्थिक और सामरिक संबंध बना चुका है।
हाल ही में पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक को भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
सार्क की स्थिति और इतिहास
SAARC यानी दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन की स्थापना 1985 में हुई थी। इसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव और अफगानिस्तान शामिल हैं।
लेकिन बीते कुछ वर्षों में SAARC लगभग निष्क्रिय हो चुका है। इसकी आखिरी शिखर बैठक 2014 में नेपाल की राजधानी काठमांडू में हुई थी। 2016 में पाकिस्तान में अगली बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने इसका बहिष्कार कर दिया। इसके बाद अन्य देशों ने भी सम्मेलन से दूरी बना ली और अंततः पाकिस्तान को बैठक रद्द करनी पड़ी।
अब चीन और पाकिस्तान इसी कमजोरी का फायदा उठाकर नया संगठन बनाकर क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।