Monsoon session vs special session : विपक्ष ने सरकार को घेरा, बहस के लिए तैयार

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India News Live,Digital Desk : पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे हालिया संवेदनशील घटनाक्रमों ने देश की राजनीति को गरमा दिया है। इन मुद्दों को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा था। लेकिन अब सरकार ने 21 जुलाई से 12 अगस्त तक मानसून सत्र आयोजित करने की घोषणा कर दी है, जिससे विशेष सत्र की मांग अपने आप बेअसर हो गई है।

सत्र की तारीखों के एलान के साथ ही विपक्ष ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि विशेष सत्र की मांग से बचने के लिए सरकार ने असामान्य रूप से जल्दी मानसून सत्र की तारीखों की घोषणा कर दी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि यह फैसला केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई संसदीय मामलों की बैठक में लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार संसदीय नियमों के अनुसार किसी भी मुद्दे पर चर्चा को तैयार है।

इस बार का सत्र खास होने वाला है। इसमें न केवल अहम विधेयकों पर चर्चा होगी बल्कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा। सरकार इस प्रस्ताव के लिए सर्वदलीय सहमति बनाने की कोशिश कर रही है।

विशेष सत्र की मांग पर विपक्ष का रुख

आईएनडीआईए गठबंधन ने हाल ही में संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, ताकि ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सके। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने साफ कर दिया है कि विपक्ष ने सत्र के लिए पूरी तैयारी कर ली है और यह सत्र हंगामेदार होने वाला है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सत्र की तारीखें असामान्य रूप से 47 दिन पहले घोषित कीं, ताकि विपक्ष की विशेष सत्र की मांग को दरकिनार किया जा सके। जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री भले ही इन मुद्दों से बचना चाहें, लेकिन छह हफ्ते बाद उन्हें इन पर जवाब देना ही होगा।

विपक्ष किन मुद्दों पर चाहता है चर्चा?

पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को अब तक सजा क्यों नहीं मिली?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति और उसके राजनीतिकरण पर चिंता।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ द्वारा सिंगापुर में किए गए खुलासों की गंभीरता।

भारत को पाकिस्तान के साथ एक ही श्रेणी में देखे जाने वाली कूटनीतिक चिंता।

चीन की पाकिस्तान वायुसेना में बढ़ती दखलअंदाजी।

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार भारत-पाक मध्यस्थता के दावे।

विदेश नीति पर सरकार की विफलताएं।

जयराम रमेश ने साफ किया कि इन सभी मुद्दों को विपक्ष मानसून सत्र के दौरान संसद में ज़ोरशोर से उठाएगा, क्योंकि ये सीधे राष्ट्रहित से जुड़े हैं।