हेरतअंगेज पुल घोटाला: 90 डिग्री कोण के निर्माण पर कार्रवाई, 7 इंजीनियर निलंबित

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India News Live,Digital Desk : भोपाल के ऐशबाग इलाके में बनाए गए एक अजीबोगरीब रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) ने पूरे देश में मध्य प्रदेश को शर्मसार कर दिया। इस आरओबी को 90 डिग्री के खतरनाक कोण पर बनाया गया था, जो आमतौर पर किसी भी सुरक्षित और व्यावहारिक पुल के मापदंडों के खिलाफ है। अब इस लापरवाही पर राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के सात इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है, जिनमें दो मुख्य अभियंता भी शामिल हैं।

इसके साथ ही, उस समय के सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री एमपी सिंह को भी दोषी ठहराया गया है। इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर दी कार्रवाई की जानकारी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर इस कार्रवाई की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि निर्माण एजेंसी मेसर्स पुनीत चड्ढा और सलाहकार डिजाइन एजेंसी मेसर्स डायनमिक कंसल्टेंट को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जब तक ब्रिज में जरूरी सुधार नहीं होंगे, तब तक इसका उद्घाटन नहीं किया जाएगा।

डिजाइन की भारी चूक, दीवार जैसा बना पियर

इस पुल का निर्माण 2022 से शुरू हुआ था। शुरू में लोक निर्माण विभाग और रेलवे के अधिकारियों ने निरीक्षण कर 45 डिग्री कोण पर सहमति जताई थी, लेकिन अंतिम रूप में यह 90 डिग्री कोण में बदल गया। जहां पुल के लिए गोलाकार (सर्कुलर) पियर बनने थे, वहां दीवार की तरह सीधी संरचना खड़ी कर दी गई। इससे वाहन चालकों के लिए यह पुल खतरनाक बन गया।

रेलगाड़ी और विभाग एक-दूसरे पर डालते रहे जिम्मेदारी

2022 से लेकर 2024 तक, लोक निर्माण विभाग और रेलवे के बीच केवल पत्राचार होता रहा, लेकिन किसी ने इस डिजाइन की गंभीर खामियों को नहीं पकड़ा। जब मीडिया में मामला उछला और सोशल मीडिया पर आलोचना हुई, तब जाकर अधिकारियों की नींद खुली और जांच शुरू की गई।

2020 में हुई थी नई डिजाइन पर सहमति, फिर भी नहीं हुआ सुधार

सितंबर 2020 में रेलवे और पीडब्ल्यूडी ने मिलकर मेट्रो रेल की डिजाइन के आधार पर सर्कुलर पियर के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया था, और मेट्रो से अनुमति भी ले ली गई थी। लेकिन बाद में इस डिजाइन में भी खामियां सामने आईं। अप्रैल-मई 2023 में रेलवे को पत्र भेजे गए कि डिजाइन में विसंगतियां हैं, लेकिन उन्होंने कोई बदलाव नहीं किया।

अब राज्य सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए विशेष समितियां बनाई हैं जो आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करेंगी।