From Earth to Space : शुभांशु शुक्ला ने तिरंगे की शान बढ़ाई, पीएम मोदी से साझा किए अंतरिक्ष के अनुभव

India News Live,Digital Desk : भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जब स्पेस स्टेशन पहुंचे, तो उनके चेहरे पर गर्व और उमंग साफ झलक रही थी। इसी दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सैटेलाइट के जरिए करीब 17 मिनट की बातचीत हुई। इस खास संवाद में शुभांशु ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस तरह अंतरिक्ष में भारत का तिरंगा लहराना उनके लिए एक गर्व का पल रहा।
उन्होंने पीएम मोदी से कहा, “यह मेरे लिए बिल्कुल नया अनुभव है। जो कुछ भी यहां हो रहा है, वह भारत की नई दिशा को दिखा रहा है।” पीएम मोदी ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं और भारत के अंतरिक्ष भविष्य में उनके योगदान को अहम बताया।
शुभांशु बोले, “पृथ्वी से ऑर्बिट तक की यह 400 किलोमीटर की यात्रा केवल मेरी नहीं है, यह पूरे देश की यात्रा है। कभी नहीं सोचा था कि मैं एक अंतरिक्ष यात्री बनूंगा, लेकिन आज भारत युवाओं को ऐसे सपने पूरे करने का मौका दे रहा है।”
बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने मुस्कराते हुए पूछा, “जो गाजर का हलवा आप साथ ले गए थे, उसे अपने साथियों को खिलाया या नहीं?” इस पर शुभांशु हंस पड़े और बोले कि वे दिन में 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देख रहे हैं — यह उनके लिए आश्चर्यजनक अनुभव है।
उन्होंने यह भी बताया कि उनकी यात्रा की गति 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे है। इसे भारत की प्रगति से जोड़ते हुए उन्होंने कहा, “हमारा देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। लेकिन अभी हमें और ऊंचाइयों तक जाना है।”
जब पीएम मोदी ने पूछा कि अंतरिक्ष की विशालता देखकर उनके मन में पहला विचार क्या आया, तो शुभांशु ने कहा, “पृथ्वी को जब बाहर से देखा तो पहली बार यह अहसास हुआ कि हम सभी एक हैं, कोई सीमाएं नजर नहीं आतीं। भारत का आकार भी हमें मैप पर जितना दिखता है, वह असल में उससे कहीं ज्यादा बड़ा है। यह हमारी विविधता में एकता को दर्शाता है।”
शुभांशु ने यह भी बताया कि अंतरिक्ष में सबसे बड़ी चुनौती है — सोना। उन्होंने कहा, “यहां नींद लेना आसान नहीं है। शरीर को गुरुत्वाकर्षण की आदत होती है, लेकिन यहां कुछ भी स्थिर नहीं होता। हमें खुद को बांधकर रखना पड़ता है ताकि ऊपर न उड़ जाएं।”
बातचीत के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब सिर्फ उड़ान भरने की बात नहीं कर रहा, बल्कि अंतरिक्ष में अपने पंख और भी विस्तार दे रहा है। उन्होंने मिशन गगनयान, भारतीय स्पेस स्टेशन और चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री की लैंडिंग के संकल्प दोहराए।
शुभांशु ने भी युवा पीढ़ी को संदेश दिया कि अगर सपने बड़े हैं तो उन्हें पूरा करने के लिए संकल्प और मेहनत भी उतनी ही बड़ी होनी चाहिए।