Amit Shah's message : उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में पारदर्शिता और योग्यता की जीत

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India News Live,Digital Desk : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में सिपाही भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शिता और निष्पक्षता की मिसाल बताते हुए हजारों नवचयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने रायबरेली रोड स्थित वृंदावन योजना में आयोजित समारोह में कहा कि यह केवल एक भर्ती नहीं, बल्कि योग्यता और ईमानदारी की जीत है। शाह ने मंच से स्पष्ट किया कि इस बार की भर्ती में कोई सिफारिश, रिश्वत या जातिगत आधार काम नहीं आया — हर एक अभ्यर्थी केवल अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर चुना गया है।

उन्होंने बताया कि कुल 60,244 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं, जिनमें 12,048 महिलाएं शामिल हैं। महिला अभ्यर्थियों की भागीदारी पर उन्होंने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि उनके चेहरे की चमक इस पारदर्शी प्रणाली की सफलता को दर्शाती है।

शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 से पहले उत्तर प्रदेश में सुधार की कोई प्रक्रिया नजर नहीं आती थी। लेकिन जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद संभाला, तभी से उत्तर प्रदेश पुलिस के ढांचे में बड़े बदलाव शुरू हुए। उन्होंने यह भी कहा कि भर्ती की संख्या चाहे जितनी हो, लेकिन सबसे अहम है प्रक्रिया की शुद्धता और ईमानदारी।

भविष्य की दिशा बताते हुए शाह ने कहा कि नए कानूनों के चलते अब एफआईआर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का सफर अधिकतम तीन वर्षों में तय हो सकेगा। यह बदलाव न्याय प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बना देगा।

अमित शाह ने यह भी बताया कि एक समय दंगों से जूझता उत्तर प्रदेश अब शांति और न्याय का प्रतीक बन चुका है। अपराधियों का अब कोई विशेष दर्जा नहीं है और कानून का राज स्थापित हो चुका है। यह बदलाव नई भर्ती को और अधिक जिम्मेदारी देता है कि वे इस व्यवस्था को और मजबूती दें।

शाह ने मंच से यह भी भरोसा दिलाया कि वर्ष 2047 में भारत दुनिया की अग्रणी ताकत बनेगा और नक्सलवाद, जो एक समय 11 राज्यों में फैला था, अब केवल तीन जिलों तक सिमट गया है। 2026 तक भारत पूरी तरह नक्सलवाद मुक्त होगा।

समारोह में अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच पर 15 अभ्यर्थियों को स्वयं नियुक्ति पत्र दिए, जबकि बाकी अभ्यर्थियों को स्थल पर ही पत्र वितरित किए गए।