50 years of Emergency : मोदी कैबिनेट ने याद किए बलिदान, लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प दोहराया

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India News Live,Digital Desk : आपातकाल की 50वीं बरसी के मौके पर बुधवार को एक अहम कैबिनेट बैठक बुलाई गई, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इस बैठक में उस दौर को याद किया गया जब देश ने अपने लोकतांत्रिक मूल्यों पर सबसे बड़ा हमला सहा था।

बैठक की शुरुआत उन अनगिनत लोगों को श्रद्धांजलि देने से हुई, जिन्होंने आपातकाल के दौरान अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाई और अपने जीवन का बलिदान दिया। कैबिनेट सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर इन बहादुर नागरिकों को याद किया।

बैठक के दौरान एक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पढ़ा। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव उन वीरों को समर्पित है, जिन्होंने 1975 में थोपे गए आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाई, जब देश की संविधानिक भावनाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं को दबाने की कोशिश की गई थी।

वैष्णव ने बताया कि आपातकाल की नींव 1974 में नव निर्माण आंदोलन और संपूर्ण क्रांति जैसे आंदोलनों को कुचलने से शुरू हुई थी। उस दौर में नागरिकों के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे, संघवाद कमजोर कर दिया गया था और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ताला जड़ दिया गया था।

कैबिनेट ने यह स्पष्ट किया कि भारत की जनता आज भी संविधान और लोकतंत्र में अटूट आस्था रखती है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सरकार ने यह संकल्प दोहराया कि भारत के नागरिकों के अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की हमेशा रक्षा की जाएगी।