
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में मुफ़्त राशन लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर है। यूपी में छह लाख से अधिक राशन कार्ड यूनिट्स पर संकट आने वाला है। ई-केवाईसी नहीं होने के कारण ये राशन कार्ड डिलीट किए जा सकते हैं। ई-केवाईसी अभी तक सिर्फ 77 प्रतिशत कंपनियों तक पहुंच चुकी है। फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। कोटेदारों को भी ई-केवाईसी प्रदान करना होगा।
भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कार्डों में दर्ज यूनिट का ई-केवाईसी बनाया जा रहा है। ज्यादातर यूनिटों को ई-केवाईसी बनाया गया है, लेकिन अभी भी छह लाख से अधिक यूनिटों को नहीं बनाया गया है। उनके हाथों को राशन से धोना पड़ सकता है।
बता दे 100% ई-केवाईसी पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए भी कोटेदारों को आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए हैं। राज्य में चार लाख 50 हजार से अधिक लोग कार्डधारक हैं। राशन कार्डों में 24 लाख 45 हजार 555 यूनिट दर्ज है। इसके सापेक्ष, 18 लाख 63 हजार 832 यूनिट अब ई-केवाईसी हैं। छह लाख से अधिक सदस्य अभी भी ई-केवाईसी बनाना भूल गए हैं।
77 प्रतिशत राशन कार्डों की ई-केवाईसी हो चुकी है
जनपद में राशन कार्डों का ई-केवाईसी 77 प्रतिशत हो गया है, पुर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार। फिर भी, यूनिट का ई-केवाईसी नहीं होने पर यह डिलीट हो जाएगा। ऐसे में, उनके पास ई-केवाईसी होना अनिवार्य है। शासन स्तर पर 30 जून अंतिम तिथि है। जिला पूर्ति अधिकारी अनुभव त्रिवेदी ने कहा कि शत-प्रतिशत ई-केवाईसी पर जोर है। 77 प्रतिशत ई-केवाईसी है। बाकी कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने पर भी जोर दिया जा रहा है।
यह प्रक्रिया है
आपके नजदीकी कोटेदार के यहां जाकर आधार कार्ड और राशन कार्ड जमा करना होगा।
Biometrics, यानी आंखों की स्कैनिंग या फिंगर प्रिंट से सत्यापन करवाना होगा।
आधार कार्ड और राशनकार्ड आपस में लिंक होने जरूरी हैं।
ई-केवाईसी पूरा होने पर कार्डधारकों को ओटीपी दी जाती है। इसके बाद प्रक्रिया पूरी होती है।