
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में एक और बड़ी छलांग की तरह है! राज्य सरकार लगातार आधुनिक और तेज़ ट्रैफिक कनेक्टिविटी पर फोकस कर रही है, और ग्रीन फील्ड फोरलेन सड़क इसका बेहतरीन उदाहरण है। उत्तर प्रदेश वासियों के लिए रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट को लेकर बड़ी सुखद खबर सामने आ रही हैं। उत्तर प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की शुरुआत हो रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत राज्य के एक निर्धारित जिले में ग्रीन फील्ड फोरलेन सड़क बनाई जाएगी, जो कि क्षेत्र की कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को मजबूती देने में मदद करेगी।
जमानिया से सैयदराजा (चंदौली) तक 41.54 किलोमीटर लंबी ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क परियोजना के लिए 3104 करोड़ रुपये की लागत होगी। इस परियोजना के कारण गाजीपुर से चंदौली जाने वाले वाहनों को बनारस नहीं जाना पड़ेगा। डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।
जमीन खरीदने में खर्च होगा इतना धन
वर्तमान सड़क गाजीपुर से जमानिया होते हुए सैयदराजा (चंदौली) तक सात मीटर चौड़ी है, जिसमें बहुत अधिक ट्रैफिक है, जिससे सड़क जाम होती है। नया ग्रीनफील्ड हाईवे बनाने की कार्ययोजना NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने मंजूर की है। 41.54 किलोमीटर परियोजना को 3104 करोड़ रुपये में पूरा किया जाएगा, इसमें से 1684 करोड़ रुपये सड़क बनाने में खर्च किए जाएंगे, और बाकी धन जमीन खरीदने में खर्च किया जाएगा। तीस से अधिक गांवों के किसानों को 260 हेक्टेयर जमीन खरीदनी होगी।
इस फोरलेन परियोजना के निर्माण के दौरान गाजीपुर से चंदौली जाने वाले वाहनों को बनारस नहीं जाना होगा, इसके बजाय वे चंदौली से बिहार की ओर जा सकेंगे। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, और जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रवीण कुमार कटियार ने बताया कि डीपीआर बनाने की अनुमति दी गई है। शीघ्र ही इस परियोजना से जनता को लाभ मिलेगा।
कौन-सी जमीन खरीदेंगे?
इस फोरलेन परियोजना के निर्माण के लिए 152.22 हेक्टेयर चंदौली में और 109.42 हेक्टेयर गाजीपुर में जमीन अधिग्रहण की जाएगी।
NHAI भी चौकाघाट से रिंग रोड तक एकीकृत सड़क बनाने में पीछे हटी
शहर में वरुणा नदी के दोनों छोर पर चौकाघाट से रिंग रोड तक लगभग 14 किलोमीटर लंबी दो लेन एलिवेटेड सड़क बनाने का सर्वे कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने NHAI से सर्वे रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन इंजीनियरों को सफलता नहीं मिली। लक्ष्य पूरा करने से वह पीछे हट गया है। उत्तर प्रदेश सेतु निगम को पहले यह काम सौंपा गया था, लेकिन वह काम नहीं कर सका। मंडलायुक्त ने कहा कि एनएचएआई और सेतु निगम से संयुक्त रिपोर्ट मांगी गई है। यदि संयुक्त सर्वे में एलिवेटेड सड़क बनाने की संभावना पाई जाती है, तो डीपीआर बनाया जाएगा, अन्यथा प्रोजेक्ट को समाप्त कर दिया जाएगा।