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UP में बनेगा नया एनफील्ड फोरलेन हाईवे, 30 गांवों की जमीन खरीद होगी, खर्च होंगे 3104 करोड़

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में सड़कों के निर्माण को लेकर एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर रिवोल्यूशन चल रहा है, और इसका सीधा फायदा जनता को मिल रहा है। चाहे वह आवागमन की सहूलियत हो या स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलने वाला बूस्ट। बता दे की 3104 करोड़ रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश में ग्रीनफील्ड फोरलेन का निर्माण गाजीपुर से जमानिया (चंदौली) तक होगा।

सड़क जाम की समस्या बहुत गंभीर

PM Power Portal ने इस परियोजना को मंजूरी दी है। परियोजना का 41.54 किलोमीटर मार्ग 1684 करोड़ रुपये से बनाया जाएगा, शेष धन जमीन खरीदने में खर्च किया जाएगा। तीस से अधिक गांवों के किसानों को 260 हेक्टेयर जमीन खरीदनी होगी। वर्तमान सड़क गाजीपुर से जमानिया तक सात मीटर चौड़ी है और सैयदराजा (चंदौली) तक जाती है। अत्यधिक वाहनों की वजह से सड़क जाम की समस्या बहुत गंभीर है।  नया ग्रीनफील्ड हाईवे बनाने की कार्ययोजना NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने मंजूर की है।  PM Power Portal ने इस परियोजना को मंजूरी दी है।

यह 41.54 किलोमीटर परियोजना को 3,104 करोड़ रुपये में पूरा करना होगा, जिसमें 1,684 करोड़ रुपये से सड़क बनाई जाएगी. बाकी धन जमीन खरीदने में खर्च किया जाएगा।  तीस से अधिक गांवों के किसानों को 260 हेक्टेयर जमीन खरीदनी होगी। फोरलेन परियोजना के पूरा होने के बाद, गाजीपुर से चंदौली जाने वाले वाहनों को बनारस नहीं जाना होगा; वे चंदौली से बिहार की ओर जा सकेंगे।

डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, और जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।  NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रवीण कुमार कटियार ने बताया कि डीपीआर बनाने की अनुमति दी गई है।  शीघ्र ही इस परियोजना से जनता को लाभ मिलेगा।

कौन-सी जमीन खरीदेंगे?

152.22 हेक्टेयर चंदौली में और 109.42 हेक्टेयर गाजीपुर में हैं।

NHAI भी चौकाघाट से रिंग रोड तक एकीकृत सड़क बनाने में पीछे हटी

शहर में वरुणा नदी के दोनों छोर पर चौकाघाट से रिंग रोड तक लगभग चौबीस किलोमीटर लंबी दो लेन एलिवेटेड सड़क बनाने का सर्वे कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है।  मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने सर्वे रिपोर्ट एनएचएआई से मांगी थी, लेकिन इंजीनियरों को सफलता नहीं मिली।  लक्ष्य पूरा करने से वह पीछे हट गया है।  उत्तर प्रदेश सेतु निगम को पहले यह काम सौंपा गया था, लेकिन वह काम नहीं कर सका।

मंडलायुक्त ने कहा कि एनएचएआई और सेतु निगम से संयुक्त रिपोर्ट मांगी गई है।  यदि संयुक्त सर्वे में एलिवेटेड सड़क बनाने की संभावना पाई जाती है, तो डीपीआर बनाया जाएगा, अन्यथा प्रोजेक्ट को समाप्त कर दिया जाएगा।
 

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