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UP में बनेगा देश का सबसे चौड़ा पुल, ट्रेन और गाड़ियां दौड़ेगी एक साथ

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में भगवान विश्वनाथ की नगरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय वाराणसी को बड़ी सौगात मिलने वाली है। काशी में देश का सबसे चौड़ा रेल और रोड पुल बनाया जाएगा। बीते दिनों पहले हुई  केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसको मंजूरी दी गयी। गंगा पर 137 साल पुराने मालवीय पुल के ठीक बगल में बनने वाले इस पुल पर ऊपर छह लेन की सड़क और नीचे चार लाइन का रेल ट्रैक होगा। इस पुल के बन जाने से लोगों का समय डीजल की बचत होगी।

करीब 2642 करोड़ की लागत से बनने वाले नए पुल से हर साल 8 करोड़ लीटर डीजल यानी 638 करोड़ रुपये की भी बचत होगी। अभी चंदौली से वाराणसी आने वाले बड़े वाहनों को 137 साल पुराने मालवीय पुल पर चढ़ना प्रतिबंधित है। ऐसे में इन वाहनों को डाफी बाइपास से आना होता है। इससे समय और ज्यादा डीजल खर्च करना होता है।
पुल निर्माण से आवागमन मे होगी आसानी

इस पुल के बनने और शुरू होने के बाद  यूपी से बिहार और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में रेल और सड़क मार्ग से आवागमन आसान और किफायती हो जाएगा। इधर बरेली में मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी योगी सरकार कर रही है। बरेली में मेट्रो का सर्वे पूरा हो चुका है। 6000 करोड़ के इस प्रोजेक्ट से 22 किलोमीटर का मेट्रो कॉरिडोर बनकर तैयार होगा। रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनामिक सर्विस (राइट्स) ने अपनी रिपोर्ट बरेली विकास प्रकरण को सौंप दी है। मेट्रो ट्रेन शुरू हो जाने के बाद लोगों को जाम में परेशान नहीं होना पड़ेगा।

पुल के बारे में जरूरी जानकारियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने रेलवे मंत्रालय के एक बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 2,642 करोड़ रुपये है। यह मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट रेलवे के सबसे व्यस्त रूट्स पर संचालन को आसान बनाएगा और जाम की समस्या को कम करेगा। यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश के वाराणसी और चंदौली जिलों से होकर गुजरेगा। वाराणसी रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे का अहम केंद्र है, जो प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ता है। यहां से लाखों यात्री और भारी मात्रा में माल, जैसे कोयला, सीमेंट, अनाज आदि की आवाजाही होती है। इस रूट पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए नई रेल-सह-सड़क पुल और तीसरी व चौथी रेल लाइन बिछाने का काम होगा।

इस प्रोजेक्ट के तहत 27।83 मिलियन टन (MTPA) माल की आवाजाही का अनुमान है। इससे यात्रा और माल ढुलाई में सुधार होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री के ‘गति शक्ति’ नेशनल मास्टर प्लान का हिस्सा है, जो लोगों और सामानों की बिना किसी अवरोध के आवाजाही के लिए बेहतर कनेक्टिविटी पर जोर देता है। इस योजना से भारतीय रेलवे के नेटवर्क में करीब 30 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी। साथ ही, यह पर्यावरण अनुकूल भी है और देश की लॉजिस्टिक्स लागत कम करने में मदद करेगा। इसके जरिए 149 करोड़ किलो CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 6 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
 

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