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Success story: बस कंडक्टर की होनहार बेटी पहले बनी डॉक्टर, फिर ऐसे क्रैक किया UPSC

HR Breaking News, Digital Desk- सक्सेस स्टोरी की इस कड़ी में हम आपको आज एक ऐसी ही आईएएस ऑफिसर से मिलवाएंगे, जिसने इस कहावत को पूरी तरह से चरितार्थ किया है।

उन्होंने अपनी मेहनत से साबित कर दिया कि आर्थिक परेशानी (UPSC Exam stategy) से आपके पास सुविधाओं की कमी हो सकती है लेकिन सफलता पाने के लिए पैसों की नहीं हौंसलों और मेहनत की जरूरत होती है।

 

जी हां , हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर (IAS officer Renu raj) रेनू राज की, जो कि सोशल मीडिया पर अपनी खूबसूरती के लिए भी काफी चर्चित रहती हैं। उनकी कहानी लाखों लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत है। रेनू मूलरूप से केरल के कोट्टायम (UPSC Exam syllabus)  जिले की रहने वाली है और इनके पिता एक बस कंडक्टर थे लेकिन उन्होंने हमेशा रेनू को आगे बढ़ने में मदद की।

स्कूल की प्राथमिक पढ़ाई

 

रेनू शुरू से ही काफी मेधावी रही हैं, उन्होंने कोट्टायम के सेंट टेरेसा हायर सेकेंडरी स्कूल, से अपनी प्राथमिक पढ़ाई की,अपनी मेहनत से इन्हें मेडिकल कॉलेज (how to crack UPSC Exam) में प्रवेश मिला, इन्होंने पांच साल यहां पर मेहनत से पढ़ाई की और डॉक्टर बनीं और इसके बाद इन्होंने कुछ दिन अस्पताल में नौकरी भी की।

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नौकरी के दौरान लिया फैसला

इस दौरान उन्हें एहसास हुआ कि वो इस प्रोफेशन के जरिए कम ही लोगों की सेवा कर पा रही हैं और यहीं से इनके मन में UPSC का ख्याल आया और बस तभी (UPSC prelims stategy) रेनू जॉब छोड़कर दिल्ली आ गईं और UPSC की तैयारी में लग गईं।

रोजाना 6-7 घंटे की पढ़ाई

वो नियमित तौर पर रोजाना 6-7 घंटे पढ़ाई किया करती थीं, उन्होंने UPSC की तैयारी के लिए एनसीईआरटी की भी किताबों को भी पढ़ा और जब तक (IAS kaise bane) एग्जाम नहीं हुआ तब तक उन्होंने ना दिन देखा और ना ही रात देखी।

पहले प्रयास में हासिल की दूसरी रैंक 

साल 2014 में उन्होंने न सिर्फ यूपीएससी क्रैक किया बल्कि पूरे भारत में दूसरी रैंक भी हासिल की, खास बात ये है कि रेनू राज, ने यूपीएसी के लिए कोई कोचिंग (motivational story hindi)  नहीं की थी। साल 2022 में डॉ. रेनू राज ने आईएएस अधिकारी श्रीराम वेंकटरमण से शादी की।

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सिर्फ खुद पर भरोसा रखें

‘इसलिए अगर आप भी मंजिल पाने की ख्वाहिश रखते हैं तो सिर्फ और सिर्फ खुद पर भरोसा रखें और अपनी मेहनत में कोई कमी ना आने दें। असफलताओं से घबराएं नहीं बल्कि उसे ही अपना हथियार बना लें। अगर आप इसमें सफल हो जाते हैं तो निश्चित रूप से आपको आपकी मंजिल मिल कर ही रहेगी।’

 

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