
HR Breaking News, Digital Desk – सफलता की यह कहानी (Success Story in hindi) एक ऐसे किसान बेटे की है, जिसने बचपन से ही गरीबी और अभाव को बहुत करीब से देखा। मेहनत से एक सरकारी नौकरी (Government Job news) भी हासिल कर ली, लेकिन किस्मत बदलने के लिए इतना काफी नहीं था। नौकरी छोड़ निकल पड़े खुद का बिजनेस (own business) शुरू करने और आज 23 हजार करोड़ की कंपनी बना दी।
शुरू हो गया संघर्ष का सफर
साल 1969 में पटेल ने अपना बिजनेस (latest buisness idea) शुरू किया। उन्होंने देखा कि आम आदमी महंगे डिटर्जेंट पाउडर का इस्तेमाल (Use of expensive detergent powder) नहीं कर पाता। उस समय कपड़े धुलने के साबुन और सर्फ वगैरह ज्यादातर बाहर से आते थे। करसनभाई ने इस कमी को पूरा करने की ठानी और 15 हजार का लोन लेकर घर के पीछे ही डिटर्जेंट पाउडर बनाने की फैक्ट्री (detergent powder factory) डाल दी। अपने ब्रांड का नाम दिया निरमा, जो आज देशभर में बच्चे-बच्चे की जुबान पर है। फैक्ट्री से निकले डिटर्जेंट पाउडर को साइकिल पर रखकर घर-घर बेचने निकल पड़े।
इस तरह फिर आया सफलता का दौर
13 रुपये किलोग्राम के भाव से निरमा को बेचना शुरू किया तो जल्द ही आम लोगों में इसका इस्तेमाल बढ़ना शुरू हो गया। कम चला तो एक छोटी सी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट किराये पर ली और प्रोडक्टशन के लिए लेबर भी लगा दिए। इसके बाद निरमा ने घर-घर तक अपनी पहुंच बना ली और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आज 18 हजार कर्मचारी
निरमा ने 2000 के दशक में तो देश के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। आज कारोबार इतना बढ़ चुका है कि कंपनी के साथ 18 हजार से ज्यादा कर्मचारी जुड़ चुके हैं। अब निरमा सिर्फ सर्फ ही नहीं साबुन, कॉस्मेटिक और पर्सनल केयर प्रोडक्ट भी बनाती है। कंपनी की सालाना कमाई आज 7 हजार करोड़ रुपये पहुंच गई है, जबकि टर्नओवर 23 हजार करोड़ रुपये सालाना है।