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sarso tel : सरसों तेल पर यहां लगाया गया बैन, इस्तेमाल करने वाले जान लें क्या है कारण

sarso tel : सरसों तेल पर लगाया गया बैन, इस्तेमाल करने वाले जान लें क्या है कारण

HR Breaking News (Sarso tel Bann)। भारतीय खाने (indian food by mustard oil) को तैयार करने में सरसों के तेल का काफी इस्तेमाल किया जाता है। खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए घरों, होटल, रेस्ट्रोरेंट में भी सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है।

खाने के स्वाद और उसकी सुगंध (sarso tel update) को बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा सरसों के तेल का इस्तेमाल होता है। भारतीय बाजार में सरसों के तेल (Sarso tel Price) की कीमत कम होने के कारण गरीब और मिडिल क्लास लोग सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते है। हाल में सरसों के तेल पर बैन लगाया गया है। बैन लगने के बाद लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल पैदा हो रहे है।

भारतीय रसोई में सबसे ज्यादा होता है सरसों के तेल का इस्तेमाल

खाने के जायके को बढ़ाने के लिए भारतीय घरों (sarso tel in indian home) में सबसे ज्यादा मसालों और तेल का इस्तेमाल किया जाता है। गरीब और मिडिल क्लास लोग खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए  सस्ते मसाले और तेल का इस्तेमाल करते है। ऐसे में सरसों का तेल (sarso tel News) सबसे अच्छा विकल्प है। खासतौर से अगर बात की जाए नॉनवेज की तो वो सरसों के तेल में ही बेहतर बनता है। इसे हेल्दी भी माना जाता है।

भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले सरसों (mustard oil ban) के तेल पर अमेरिका में प्रतिबंध लगा है। इक्विनॉक्स लैब के सीईओ, फूड सेफ्टी एक्सपर्ट अश्विन भद्री के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में सरसों के तेल को मंजूरी नहीं दी गई है क्योंकि इसमें इरुसिक एसिड (erucic acid) का उच्च स्तर माना जाता है। इरुसिक एसिड के हाई लेवल संभावित हार्ट परेशानियों, फेफड़ों और स्किन पर खराब असर पड़ता है।

इरुसिक एसिड से होती है दिल संबंधी बीमारी

डाक्टरों के अनुसार इरुसिक एसिड (erucic acid in Mustard oil) से कई तरह की बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। इरुसिक एसिड की थोड़ी मात्रा सुरक्षित है, लेकिन लंबे समय तक इसका हाई लेवल नुकसानदायक साबित हो सकता है। इ

रुसिक एसिड सरसों के तेल (mustard oil) में ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इरुसिक एसिड (heart disease)एक मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड है, जो हार्ट हेल्थ के लिए हानिकारक होता है। हालांकि इन अध्ययनों में सामान्य मानव उपभोग की तुलना में ज्यादा खुराक शामिल थी, लेकिन ह्यूमन में इसी तरह के प्रभावों की संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है।

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