
The Chopal, How to remove illegal possession in india : आजकल संपत्ति पर अवैध कब्जे को लेकर कई खबरें आती हैं। लोग प्रापर्टी पर अपना अधिकार साबित करने के लिए अक्सर लड़ते हैं। ऐसे परिस्थितियों में विवाद करना बेकार है। आप अपनी जमीन पर से अवैध कब्जे को हटाने के लिए कुछ कानूनों का सहारा ले सकते हैं। आइए खबर के माध्यम से इसके कानूनों को जानें।
क्या IPC की धारा 420 कहती है?
आपको बता दें कि पहली तीन धाराएं आपराधिक कानून की हैं (3 sections criminal law) और अंतिम धारा सिविल कानून की है। हम धारा 420, भारतीय दंड संहिता (IPC) की बात कर (Section 420 of the Indian Penal Code) रहे हैं। जो काफी चर्चा का विषय है। इस धारा धोखाधड़ी के कई मामलों को शामिल करती है। ये कानून लागू हो सकते हैं अगर किसी व्यक्ति को संपत्ति से बलपूर्वक हटाया गया है। यदि कोई इस तरह से पीड़ित है, तो उसे इस कानून (provisions to remove illegal occupation of property) को लागू करना चाहिए।
मामले पर यह कानून इस प्रकार लागू होता है:
IPC की धारा 406 का उपयोग: जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का भरोसे पात्र बनकर उसकी संपत्ति में चोट लगाता है, तो वह अपराधी है। देखा जाए तो यह भी संगीन अपराध है। इस तरह से पीड़ित व्यक्ति इस धारा 406 (IPC) के तहत अपने निकटतम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर सकता है।
धारा 467 का कानून कब लागू होता है-
धारा 467 का इस्तेमाल तब किया जाता है जब फर्जी दस्तावेजों से संपत्ति चुरा ली जाती है। इस धारा को भारत में कूटरचना कानून भी कहा जाता है। यह कानून कूटनीति के तहत फर्जी दस्तावेज बनाकर संपत्ति हथियाने के मामले को हल करता है।
स्पेसिफिक रिलीफ कानून क्या है?
आप अपनी संपत्ति को वापस पाने के लिए अन्य कानूनों का भी सहारा ले सकते हैं। स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट (Specific Relief Act) एक नागरिक कानून है। फर्जी दस्तावेजों या धोखाधड़ी के मामले में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता। बल्कि विशिष्ट राहत अधिनियम का उपयोग विशिष्ट परिस्थितियों में होता है। इस कानून के तहत आरोपी व्यक्ति सिर्फ पीड़ित की संपत्ति पर जबरदस्ती कब्जा कर लेता है, जो स्वेच्छा से होता है।
इन कानूनों से अवैध नियंत्रण का भय दूर होगा-
उस समय विशेष राहत अधिनियम की धारा 6 लागू होती है, जिसके तहत पीड़ित को जल्दी न्याय मिलता है, लेकिन इस कानून के तहत गिरफ्तार होने के छह महीने के अंदर ही मुकदमा दर्ज होना चाहिए, और दूसरी शर्त यह है कि इसके तहत सरकार के खिलाफ मुकदमा नहीं कर सकते।
आप अपनी परिस्थितियों के अनुसार कानून का उपयोग कर सकते हैं, जिसमें गैरकानूनी संपत्ति को हटाना शामिल है। यदि आप सही हैं, तो ये कानून आपकी मदद करेंगे और आपकी जमीन या संपत्ति को वापस पाने में मदद करेंगे। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐसे मामले में आपको पेशेवर वकील से बातचीत भी करनी चाहिए।