
भूकंप. (सांकेतिक तस्वीर)
पाकिस्तान में सोमवार रात एक बार फिर धरती कांप उठी. रात 9 बजकर 58 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार भूकंप का केंद्र पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों में रहा, जहां हल्के से मध्यम स्तर के झटके महसूस किए गए. रात के सन्नाटे में अचानक धरती कांपने से कई लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए.
हालांकि, इस भूकंप से अब तक किसी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन हलचल के बाद लोगों में डर बना हुआ है. खासकर जिन इलाकों में पुरानी या कमजोर इमारतें हैं, वहां के लोगों में चिंता ज्यादा देखी गई. प्रशासन ने ऐहतियातन सभी जरूरी एजेंसियों को अलर्ट पर रखा है और स्थानीय स्तर पर हालात पर नजर बनाए रखने के निर्देश जारी किए हैं.
बीते साल पाक ने कई भूकंप झेले
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान और उसके आस-पास के क्षेत्र भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं. यहां भारत और यूरेशियन प्लेट्स की टकराहट के चलते भूकंपीय गतिविधियां सामान्य से अधिक होती हैं. इसी वजह से अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमाई क्षेत्रों में समय-समय पर झटके आते रहते हैं. बीते कुछ वर्षों में पाकिस्तान ने कई बार गंभीर तीव्रता के भूकंप झेले हैं, जिससे भारी नुकसान हुआ है.
ज्यादा तेज नहीं आया भूकंप
इस बार आया भूकंप भले ही ज्यादा तीव्र नहीं था, लेकिन यह एक चेतावनी जरूर है. विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार आने वाले हल्के झटके किसी बड़े भूकंप की आहट हो सकते हैं. ऐसे में समय रहते भूकंपरोधी ढांचे तैयार करना और लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी हो गया है. फिलहाल, स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और राहत टीमें भी तैयार रखी गई हैं.
लोगों से भी अपील की गई है कि वे किसी अफवाह पर ध्यान न दें और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें. विशेष रूप से स्कूलों, अस्पतालों और घनी आबादी वाले इलाकों में भूकंप से निपटने की तैयारियों को लेकर त्वरित समीक्षा की जा रही है. NCS ने भी अपने नेटवर्क के जरिये अगली किसी भी हलचल की निगरानी तेज कर दी है.
पाक के लिए भूकंप कोई नया नहीं
पाकिस्तान के इतिहास में भूकंप कोई नई बात नहीं है, लेकिन हर झटका एक नई चेतावनी की तरह होता है. साल 2005 का कश्मीर भूकंप इसकी एक बुरी मिसाल है, जिसमें हजारों जानें गई थीं. ऐसे में सरकार और जनता दोनों की साझा ज़िम्मेदारी है कि इस प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए पूर्व तैयारियां मजबूत की जाएं और सजगता बनी रहे.