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DA Merger : सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी और पेंशन में मर्ज किया जाएगा या नहीं, सरकार ने किया स्पष्ट

The Chopal, DA Merger : केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता (DA) मिलता है, क्योंकि यह उनके खर्चों को बढ़ती महंगाई के बीच चलाने में मदद करता है।  इसके अंतर्गत, बेसिक सैलरी और पेंशन में मर्ज करने का नियम लागू होता है जब DA या पेंशनर्स को मिलने वाली महंगाई राहत (Dearness Relief) 50 प्रतिशत से अधिक होती है।  महंगाई के दबाव के बीच, यह नीति कर्मचारियों और पेंशनरों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाए रखती है।

हालाँकि, मौजूदा महंगाई दर 55 प्रतिशत है, इसलिए सवाल उठता है कि क्या सरकार आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को बेसिक सैलरी (Basic Salary) या पेंशन में मर्ज करने का निर्णय लेगी?  समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान ने राजसभा में सरकार से इस बारे में यही सवाल पूछा था. मोदी सरकार ने लिखित उत्तर में अपनी राय स्पष्ट कर दी है।

सरकार ने राज्यसभा सांसद जावेद अली खान के प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए कहा कि सरकार 8वें वेतन आयोग से पूर्व महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी या पेंशन में मर्ज नहीं करेगी।  उनका कहना था कि महंगाई भत्ते और महंगाई राहत दरें हर छह महीने में बदली जाती हैं।

ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI-W), जो लेबर ब्यूरो, श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है, इस संशोधन का आधार है।

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) देने के उद्देश्य और संशोधन प्रक्रिया के बारे में वित्त राज्यमंत्री ने बताया।  उन्होंने कहा कि यह महंगाई के प्रभाव से कर्मचारियों और पेंशनर्स को बचाने का एक तरीका है, जिससे उनकी बेसिक सैलरी और पेंशन की खरीदने की शक्ति बनी रहेगी।

7वें वेतन आयोग से अब तक DA को 15 बार बढ़ा

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बताया कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से 1 जनवरी 2016 से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के DA/DR दरों में 15 बार बढ़ोतरी हुई है। इसका अर्थ है कि सरकार महंगाई को देखते हुए इसमें बदलाव करती रही है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनरों को राहत मिलती है। seventh pay commission

क्या भविष्य में परिवर्तन हो सकता है?

सरकार ने बताया कि महंगाई भत्ते (DA) को बेसिक सैलरी या पेंशन (pension) में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है, जब तक कि आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट नहीं आती। लेकिन सरकार (government) के भविष्य के फैसले और वेतन आयोग की सिफारिशें इस मामले में महत्वपूर्ण होंगी। इससे कर्मचारियों और पेंशनर्स की आय प्रभावित होगी।

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