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Alcohol : भारत के इस राज्य में शराब की सबसे अधिक खपत, शहरों के मुकाबले गांव वाले शराब के ज्यादा शौकीन

HR Breaking News – (ब्यूरो)। शराब  (liquor) एक ऐसा पदार्थ है जिसे लोग अलग अलग कारणों से अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाते हैं। कुछ लोग इसे शौकिया तौर पर पीते हैं तो वहीं कुछ खास अवसर पर या फिर दोस्तों के साथ शादी-ब्याह के मौकों पर पीते हैं, जबकि कुछ लोग इसका डेली सवन करते हैं। शराब की लत, खासकर जब यह अत्यधिक और रोज़ाना होती है, स्वास्थ्य के लिए बेहद (facts about liquor) हानिकारक हो सकती है। 

इससे न केवल शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं, बल्कि मानसिक और सामाजिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में शराब के सेवन के कई कारण हो सकते हैं, जैसे पारंपरिक आदतें, मानसिक दबाव, और सामाजिक माहौल, जिसमें शराब पीने को सामान्य या (Interesting Facts About Alcohol) स्वीकार्य माना जाता है। अपने इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कि देश में लगभग कितने लोग शराब पीते हैं-

इतनी है देश में शराब के शौकीनों की संख्या –

भारत में शराब का सेवन एक व्यापक सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू है, जो विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों में अलग-अलग रूपों में प्रकट होता है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, देश में लगभग 16 करोड़ (shocking facts about alcohol) लोग शराब का सेवन करते हैं। हालांकि, प्रति व्यक्ति शराब की खपत के मामले में, भारत की स्थिति कई अन्य देशों की तुलना में कम है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति व्यक्ति औसतन 4.96 लीटर शराब की खपत होती है। शराब पीने वाले शौकीनों की संख्या 15 साल से ऊपर की उम्र को आधार बनाकर मानी गई है।

शराब पीने के मामले में महिलाएं भी नहीं हैं पीछे – 

भारत में शराब पीने के मामले में पुरुषों से महिलाओं भी ज्यादा पीछे नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देशभर में 15 साल से ऊपर उम्र की महिलाओं में केवल 1.3 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन (highest alcohol consumption) करती हैं। दिलचस्प बता  तो यह है कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में यह आंकड़े भिन्न हैं। जहां शहरी क्षेत्रों में केवल 0.6 प्रतिशत (alcohol facts) महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 1.6 फीसदी के पार है। 

इन राज्यों में ज्यादा लोग पीते हैं शराब-

भारत में शराब की खपत (Alcohol consumption in India) का परिदृश्य राज्यवार काफी अलग-अलग नजर आता है। कुछ राज्य ऐसे हैं जहां शराब का सेवन सांस्कृतिक रूप से ज्यादा स्वीकार्य है, जबकि कुछ राज्यों में यह परंपराओं और  सामाजिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ इस सूची में सबसे ऊपर है, जहां 35.6 प्रतिशत आबादी शराब (Liquor) का सेवन करती है। इसके बाद त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में यह आंकड़ा क्रमशः 34.7 प्रतिशत और 34.5 प्रतिशत है।

यदि खर्च की बात करें, तो तेलंगाना इस लिस्ट में सबसे आगे है, जहां लोग शराब (highest alcohol consumption) पर सबसे अधिक पैसा खर्च करते हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और ओडिशा जैसे राज्यों का नंबर आता हैं, जहां शराब पीने वालों की अच्छी खासी संख्या है जो शराब पर मोटी रकम खर्च करती है। यहां हैरान करने वाली बात तो यह है कि शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में शराब का सेवन ज्यादा पाया गया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियां भी शराब की खपत पर प्रभाव डालती हैं। इस बढ़ती प्रवृत्ति के बावजूद, यह जरूरी है कि लोग जिम्मेदारी से शराब का सेवन करें और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक रहें।

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