Ahmedabad aircraft crash : कैप्टन सभरवाल के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक जांच की मांग की
India News Live,Digital Desk : अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे में 260 लोगों की मौत को चार महीने से ज्यादा समय हो चुका है। अब इस हादसे के पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल के पिता, 88 साल के पुष्करराज सभरवाल, सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने कोर्ट से विमान हादसे की न्यायिक निगरानी में जांच कराने की मांग की है।
पुष्करराज सभरवाल इस मामले में पहले पिटीशनर हैं और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स दूसरा। उनका कहना है कि शुरुआती जांच में कई गंभीर गलतियां हुई हैं और ज्यादातर ध्यान पायलटों पर केन्द्रित किया गया, जो अब अपनी सफाई भी नहीं दे सकते।
पिटीशन में क्या कहा गया?
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन बोर्ड (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में हादसे का कारण इंसानी गलती बताया गया। पिटीशन में कहा गया है कि "जांच के मौजूदा तरीकों के कारण कई तकनीकी और प्रक्रियात्मक कारणों की सही तरह से जांच नहीं हो पाई है।"
पिटीशन में यह भी कहा गया कि खासकर उन क्रू मेंबर के खिलाफ जानकारी देना, जो अपना बचाव नहीं कर सकते, वास्तविक कारण का पता लगाने में बाधा डालता है और भविष्य में फ्लाइट सेफ्टी के लिए खतरा बन सकता है। इसलिए एक न्यूट्रल, कोर्ट-निगरानी वाली जांच आवश्यक है।
उठाए गए मुख्य सवाल
पिटीशन में पांच सदस्यीय जांच टीम के गठन पर सवाल उठाए गए हैं। उनका कहना है कि यह नेचुरल जस्टिस के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है, क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपने मामले में खुद जज नहीं बन सकता। टीम में DGCA और राज्य एविएशन अधिकारियों का दबदबा है, जो अपने खुद के प्रोसीजर और संभावित कमियों की जांच कर रहे हैं।
पिटीशन में जोर दिया गया है कि सिर्फ एक ज्यूडिशियली मॉनिटर्ड, स्वतंत्र जांच, जिसमें एविएशन सेक्टर के विशेषज्ञ शामिल हों, ही इस हादसे के असली कारणों का सही, पारदर्शी और भरोसेमंद पता लगा सकती है। इससे जवाबदेही सुनिश्चित होगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।
कैप्टन सभरवाल का रिकॉर्ड
पिटीशन में बताया गया कि कैप्टन सुमीत सभरवाल का 30 साल से लंबा बेदाग करियर रहा, जिसमें उन्होंने 15,638 घंटे बिना किसी घटना के उड़ान भरी। इसमें बोइंग 787-8 विमान पर 8,596 घंटे शामिल हैं। इस दौरान कोई भी दुर्घटना या गलती रिपोर्ट नहीं हुई। कैप्टन सभरवाल इस फ्लाइट में पायलट-इन-कमांड थे और क्लाइव कुंदर फर्स्ट ऑफिसर थे।
पिटीशन में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि एक रिटायर्ड जज के नेतृत्व में ज्यूडिशियली मॉनिटर्ड कमेटी बनाई जाए, जिसमें एविएशन क्षेत्र के स्वतंत्र विशेषज्ञ शामिल हों।