
आस्ट्रिया, स्लोवाकिया और हंगरी में क्यों मारे जा रहे जानवर?
यूरोप के आस्ट्रिया, स्लोवाकिया और हंगरी में लोगों ने जानवरों को मारना शुरू कर दिया है. इससे यहां इन जानवरों की कमी भी होने लगी है. दरअसल इन देशों के जानवरों को फुट एंड माउथ डिजीज यानी खुरपका-मुंहपका बीमारी ने पकड़ लिया है. यह बीमारी काफी तेजी से फैल रही है. इसके चलते अब तक हजारों जानवरों को मारना पड़ा है और कई सीमाएं बंद कर दी गई हैं. आइए इस इन्फेक्शन के बारे में और जानते हैं.
यह संक्रमण सबसे पहले मार्च की शुरुआत में हंगरी के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में स्थित एक पशु फार्म पर पाया गया था. इसके कुछ ही दिनों बाद पड़ोसी देश स्लोवाकिया के तीन फार्मों में भी जानवरों में यह बीमारी पाई गई. अब तक हंगरी और स्लोवाकिया के छह फार्मों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. बीमारी से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन जानवरों को मारकर संक्रमण फैलने से रोकने की कोशिश कर रहा है. हंगरी के लेवेल शहर में अकेले करीब 3,000 मवेशियों को मारा गया है.
क्या है फुट एंड माउथ डिजीज
फुट एंड माउथ डिजीज मुख्यतः गाय, भेड़, बकरी, सूअर और हिरण जैसे खुर वाले जानवरों को प्रभावित करती है. इस बीमारी में जानवरों को तेज बुखार और मुंह व खुरों में छाले हो जाते हैं. यह वायरस हवा, कपड़ों, गाड़ियों और इंसानों के जूतों के जरिए भी फैल सकता है. हालांकि यह इंसानों के लिए खतरनाक नहीं होता, लेकिन इसका असर पूरे पशुपालन क्षेत्र पर पड़ता है.
रोड और बार्डर भी बंद
बीमारी को रोकने के लिए हंगरी और स्लोवाकिया ने एक-दूसरे की सीमाओं पर आंशिक रूप से आवाजाही बंद कर दी है. स्लोवाकिया ने हंगरी के साथ 16 और ऑस्ट्रिया के साथ एक सीमा को बंद किया है. ऑस्ट्रिया ने भी एहतियातन हंगरी और स्लोवाकिया के साथ 23 छोटे सीमा मार्गों को बंद कर दिया है. वहीं, चेक गणराज्य ने अपने सीमावर्ती ट्रक मार्गों पर सख्त सैनिटाइजेशन और निगरानी शुरू कर दी है.
हंगरी में मुआवजे का किया ऐलान
हालांकि हंगरी के कृषि मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि इस सप्ताह कोई नया मामला सामने नहीं आया है और शनिवार तक संक्रमित फार्मों की सफाई पूरी हो जाएगी. सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए लोन भुगतान स्थगन और मुआवजे का वादा किया है. वहीं, कुछ अधिकारियों ने इस प्रकोप को जैविक हमला तक करार दिया है, हालांकि इसका कोई ठोस सबूत अब तक सामने नहीं आया है. यह संकट किसानों के लिए न सिर्फ आर्थिक बल्कि मानसिक रूप से भी एक बड़ी चुनौती बन गया है, क्योंकि उन्हें अपने जीवन भर की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है.