
वाह PAK… लोगों को खाने के लाले और दवा लेने दुबई जा रहे राष्ट्रपति!
पाकिस्तान में जहां जनता महंगाई और बदहाली से जूझ रही है, वहीं देश के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी की तबीयत बिगड़ते ही उन्हें कराची के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 69 साल के जरदारी को तेज बुखार और संक्रमण के कारण नवाबशाह से कराची लाया गया था, जो वहां से करीब 300 किलोमीटर दूर है. हालाकि कई रिपोर्ट में ये दावा किया जा रहा था कि उनको इलाज के लिए दुबई जाना पड़ सकता है.
सोमवार को राष्ट्रपति जरदारी नवाबशाह में ईद की नमाज अदा करने पहुंचे थे. इससे पहले, उन्होंने रविवार को अपनी पार्टी के नेताओं के साथ एक बैठक की थी. इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों की निगरानी में उनके कई मेडिकल टेस्ट किए गए हैं.
दुबई जाने पर नेताओं ने दी सफाई
जरदारी की बीमारी की खबर आते ही यह अफवाह भी तेज हो गई कि उन्हें इलाज के लिए जल्द ही दुबई ले जाया जा सकता है. हालांकि, इस पर सिंध के वरिष्ठ मंत्री शरजील इनाम मेमन ने सफाई देते हुए कहा कि जरदारी की तबीयत में सुधार हो रहा है और उन्हें दुबई ले जाने की खबरें गलत हैं.
इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति ज़रदारी की सेहत को लेकर चिंता जताई और फोन पर उनका हालचाल लिया. सरकारी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की.
हेल्थ सेक्टर का बजट 5 लाख करोड़
यह पहली बार नहीं है जब जरदारी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें विदेश ले जाने की चर्चा हुई हो. पहले भी कई बार वे पाकिस्तान की बजाय दुबई या लंदन में इलाज कराने जाते रहे हैं. वहीं, पाकिस्तान की आम जनता बुनियादी इलाज के लिए भी तरस रही है और देश की अर्थव्यवस्था गर्त में जा रही है. हालांकि, एक बात ये भी नहीं समझ आती कि आखिर पाकिस्तान में जो करीब 4.5 करोड़ रुपए हेल्थ सेक्टर में लगाए जाते हैं, उनका क्या होता है? जो एक राष्ट्रपति को बुखार और इंफेक्शन के इलाद के लिए दुबई जाने की नौबत आ जाती है.
ऐसे में सवाल उठता है कि जब आम नागरिक महंगाई और दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं, तो देश के शीर्ष नेताओं को इलाज के लिए विदेश जाने की जरूरत क्यों पड़ती है? क्या पाकिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी खराब है कि राष्ट्रपति को भी अपने ही देश में भरोसा नहीं रहा?