
लॉरैंस तो कुछ नहीं, ये है दुनिया का सबसे खूंखार क्रिमिनल गैंग
भारत में लॉरेंस बिश्नोई और उसके गैंग की चर्चा हर तरफ है, लेकिन दुनिया में एक ऐसा क्रिमिनल सिंडिकेट भी है, जिसकी कहानी किसी हॉलीवुड फिल्म से कम नहीं. जापान का याकूजा गैंग. विशेष रूप से यामागुची-गुमी गैंग दुनिया के सबसे पुराने और सबसे खतरनाक आपराधिक संगठनों में गिना जाता है. यह गिरोह दशकों से जापान के अपराध जगत पर राज करता आया है. लेकिन अब इस गैंग ने अपने प्रतिद्वंदी से सालों पुरानी जंग खत्म करने का ऐलान कर दिया है.
जापान के सबसे बड़े याकूजा गैंग यामागुची-गुमी ने हाल ही में पुलिस मुख्यालय में पहुंचकर एक चिट्ठी सौंपी, जिसमें उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कोबे यामागुची-गुमी से चले आ रहे आंतरिक संघर्ष को खत्म करने का वादा किया. साथ ही यह भरोसा भी दिलाया कि आगे से वे कोई परेशानी खड़ी नहीं करेंगे. इस चिट्ठी को गिरोह के तीन वरिष्ठ सदस्यों ने ह्योगो प्रीफेक्चरल पुलिस को सौंपा.
2015 से चल रही थी खूनी लड़ाई
यह झगड़ा 2015 में शुरू हुआ था, जब यामागुची-गुमी के कई धड़ों ने अलग होकर कोबे यामागुची-गुमी बना लिया था. इसके बाद जापान के कई शहरों में सड़क पर गोलियां चलने, चाकूबाजी और हिंसा की कई घटनाएं सामने आईं. इन संघर्षों ने जापान में कानून व्यवस्था को चुनौती दे डाली और पुलिस को दोनों गुटों को वॉरिंग गैंग्स घोषित करना पड़ा, जिससे उन पर निगरानी और पाबंदियों को कानूनी रूप से सख्त किया जा सके.
गिरती सदस्यता, बढ़ता दबाव
याकूजा गैंग्स की ताकत अब पहले जैसी नहीं रही. 2024 में पूरे जापान में संगठित अपराध गिरोहों की सदस्यता 18,800 तक गिर गई, जो पहली बार 20,000 के नीचे पहुंची है. यामागुची-गुमी की सदस्य संख्या 2014 में जहां 6,000 थी, वहीं अब घटकर 3,300 रह गई है. वहीं, कोबे यामागुची-गुमी के पास सिर्फ 120 सदस्य बचे हैं.
एकतरफा ऐलान पर आशंका
फिलहाल यह साफ नहीं है कि कोबे यामागुची-गुमी इस संघर्षविराम के प्रस्ताव पर राजी हुआ है या नहीं. पुलिस इस पर लगातार नजर बनाए हुए है. आशंका है कि यह एकतरफा घोषणा हो सकती है, जिससे अस्थायी शांति तो मिल सकती है, लेकिन स्थायी समाधान नहीं. जापान की नेशनल पुलिस एजेंसी पहले ही इन गुटों की हिंसा को गंभीर और अप्रत्याशित बता चुकी है.
नए गैंग्स की भी हो रही एंट्री
हालांकि याकूजा कमजोर हो रहा है, लेकिन जापान अब नए किस्म के अपराधियों से जूझ रहा है. टोकुर्यु नाम का एक नया गैंग अब उभर रहा है, जिसकी कोई निश्चित संरचना या नेतृत्व नहीं है. ये गिरोह सोशल मीडिया के जरिए धोखाधड़ी, रोमांस स्कैम और हिंसक डकैतियों को अंजाम दे रहे हैं. साल 2023 में ऐसे करीब 10,000 अपराधियों की जांच हुई. इससे यह साफ है कि भले ही याकूजा की जंग खत्म हो रही हो, लेकिन जापान की सड़कों पर अपराध का खतरा अब भी बरकरार है.