
The Chopal : राजस्थान सरकार पशुपालकों को चारा, आश्रय निर्माण और अन्य उद्देश्यों के लिए बिना ब्याज के लोन दे रही है। किसानों को योजना के तहत प्राप्त धन पर ब्याज नहीं देना होता इसके बजाय, बल्कि ली गई रकम ही किस्तों में लौटानी होती है. हालाँकि, बैंकों से लोन लेने के मामले में कुछ मानक पात्रता की समस्याएं पैदा हुई थीं. इन समस्याओं को हल कर, छूटे लाभार्थियों को भी योजना के तहत धन मिलेगा।
गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना शुरू
राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से पशुपालक अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं और अपना और अपने परिवार का जीवन सुखमय बना सकते हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गोपालक किसान परिवारों को योजना के तहत एक लाख रुपये तक का अल्पकालीन ब्याज मुक्त लोन एक वर्ष के लिए मिलता है। इस योजना के माध्यम से पशुपालक अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं और अपना और अपने परिवार का जीवन सुखमय बना सकते हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गोपालक किसान परिवारों को योजना के तहत एक लाख रुपये तक का अल्पकालीन ब्याज मुक्त लोन एक वर्ष के लिए मिलता है।
गोपालकों को अनुदान मिलेगा
इस योजना के तहत राज्य के 5 लाख गोपालक परिवारों को 2024-25 के राज्य बजट में लोन देने का निर्णय लिया गया था। अब राज्य बजट 2025–26 में 2 लाख 50 हजार अतिरिक्त गोपालक परिवारों को शामिल करने का प्रस्ताव है। योजना पर 150 करोड़ रुपये का अनुदान भी प्रस्तावित है।
इस कार्य के लिए मिल रहे ऋण
गोपालक परिवारों को योजना के तहत चारा और बांटा, खेली बनाने और गायों और भैंसों के लिए शैड खरीदने के लिए लोन मिलता है। यह सुनिश्चित करता है कि सोन जो उपलब्ध कराया जा रहा है, उसी कार्य में इस्तेमाल किया जाए। योजना के तहत लोन पाने के लिए वर्ष 2024-25 में एक लाख से अधिक आवेदन मिले हैं, और 37 हजार 400 से अधिक परिवारों को लगभग 248 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया गया है।
समय पर भुगतान करने पर ब्याज नहीं लगेगा
योजना का लाभ उठाने के लिए राज्य के गोपालक किसानों का प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का सदस्य होना आवश्यक है। गोपालक किसानों को समय पर भुगतान करने पर ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ता।
इस तरह का आवेदन कर सकते हैं
गोपालक किसान योजना का लाभ उठाने के लिए लोन के लिए संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समिति और गोपालक किसान ई-मित्र केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। इस योजना से लाभान्वित होकर गोपालक परिवार अधिक शुद्ध दूध उत्पादन कर पा रहे हैं और अपनी आय बढ़ा रहे हैं। साथ ही, यह योजना राज्य में गोवंश को बचाने में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।